पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक दलों पीटीआई और टीटीएपी ने शुक्रवार को देशभर में 27वें संवैधानिक संशोधन और पीटीआई संस्थापक इमरान खान की बहनों के साथ कथित दुर्व्यवहार के विरोध में व्यापक प्रदर्शन किए। खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और कराची में आयोजित इन रैलियों में कार्यकर्ताओं ने संविधान की रक्षा और राजनीतिक प्रतिशोध के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारी इमरान खान के पोस्टर, काले झंडे और "संविधान बचाओ" के नारे लिए नजर आए।
कराची में पुलिस ने प्रदर्शन को रोका
कराची में पुलिस ने प्रदर्शन स्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। वहीं खैबर पख्तूनख्वा में पीटीआई के प्रांतीय अध्यक्ष जुनैद अखबर के निर्देशन में टीटीएपी के साथ संयुक्त रैलियां निकाली गईं। जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं ने संविधान में हस्तक्षेप के खिलाफ नारे लगाए और इमरान खान के समर्थन में प्रदर्शन किए।
नेताओं ने किया हमला
पेशावर प्रेस क्लब के बाहर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुटे। स्थानीय मंत्री मीना खान अफरीदी, सांसद शेर अली अरबाब और जिला अध्यक्ष इरफान सलीम ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। अफरीदी ने कहा कि इमरान खान ने टीटीएपी नेतृत्व को बातचीत या शांतिपूर्ण विरोध के विकल्प दिए हैं। उन्होंने 27वें संशोधन को इस्लाम-विरोधी और असंवैधानिक करार दिया।
इरफान सलीम ने कहा कि पीटीआई संविधान की सर्वोच्चता, कानून के शासन और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों पर पीटीएम कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का आरोप लगाया और कहा कि केवल चुने हुए लोग ही पाकिस्तान पर शासन कर सकते हैं, जबकी थोपे गए शासन अवैध है। स्वाबी में कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर स्थापित एजेंडे के तहत काम करने का आरोप लगाया।
विभिन्न जिलों में रैलियां
स्वाबी-जहांगीरा रोड पर सांसद शाहरेम तरकई ने कहा कि आतंकवादियों को इस्लामाबाद की अदालतों में पेश नहीं किया गया, जबकि पीटीआई नेताओं को जनता की सेवा से रोकने के लिए वहां ले जाया जा रहा है। मियां मंडी बाजार, मोहम्मद जिले में सांसद साजिद खान और विधायक इसरार के नेतृत्व में रैली हुई, जिसमें 27वें संशोधन को संविधान पर हमला बताया गया।
पंजाब में सीमित प्रदर्शन
पंजाब में पीटीआई की मुख्य आयोजक आलिया हमजा ने सभी टिकटधारकों को काली पट्टी बांधकर विरोध में शामिल होने का निर्देश दिया। हालांकि बड़े प्रदर्शन सीमित रहे, लेकिन कई जगहों पर छोटे समूहों ने रैलियां कीं। उन्होंने बाद में सोशल मीडिया पर कहा कि अधिकांश प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे और कार्यकर्ताओं ने प्लेकार्ड के माध्यम से संविधान की रक्षा की मांग की।
अन्य जिलों में भी रैलियां
बटग्राम, बाजौर और अन्य जिलों में भी रैलियां आयोजित की गईं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि 27वां संशोधन पीटीआई को चुनाव प्रक्रिया से बाहर करने और सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए लाया गया है। उन्होंने इमरान खान की बहनों के साथ कथित दुर्व्यवहार की निंदा की और कहा कि सरकार फॉर्म-47 का इस्तेमाल न्यायपालिका पर दबाव डालने के लिए कर रही है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पीटीआई देश की सबसे लोकप्रिय राजनीतिक शक्ति है और उसे कमजोर करने की कोशिश की जा रही है।