अमेरिका में जारी सरकारी शटडाउन के बीच उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने चेतावनी दी है कि यदि यह गतिरोध लंबा खिंचा तो संघीय कर्मचारियों पर और अधिक वित्तीय दबाव पड़ेगा। वेंस ने रविवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा, “शटडाउन जितना लंबा चलेगा, उतनी गहरी और कठिन कटौतियां करनी पड़ेंगी। कुछ फैसले बेहद दर्दनाक होंगे, लेकिन डेमोक्रेट्स ने हमें कठिन स्थिति में धकेल दिया है।”
शटडाउन के चलते लाखों संघीय कर्मचारी बिना वेतन के फर्लो पर हैं। अब 12वें दिन पहुंच चुके इस गतिरोध के चलते कई विभागों का संचालन ठप पड़ने लगा है। ट्रंप प्रशासन सेना के कर्मचारियों को इस सप्ताह वेतन दिलाने और निम्न आय वर्ग के लिए खाद्य सहायता जैसी आवश्यक सेवाएं जारी रखने की कोशिश कर रहा है।
बजट ठप, 4,000 कर्मचारियों की छंटनी की आशंका
ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट (OMB) ने शुक्रवार को अदालत में जानकारी दी कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो 4,000 से अधिक संघीय कर्मचारियों को निकाला जा सकता है। हजारों कर्मचारी पहले ही फर्लो पर भेजे जा चुके हैं।
श्रमिक यूनियनों ने अदालत का रुख किया
श्रमिक यूनियनों ने सरकार के इस कदम को अवैध और अनावश्यक बताते हुए अदालत में याचिका दायर की है। डेमोक्रेटिक सीनेटर मार्क केली ने कहा, “जो लोग इस संकट के जिम्मेदार नहीं हैं, उन्हें सजा नहीं दी जानी चाहिए।”
रिपब्लिकन-डेमोक्रेट्स आमने-सामने
शटडाउन की वजह से दोनों दलों के बीच राजनीतिक टकराव तेज हो गया है। डेमोक्रेट्स स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं, जबकि रिपब्लिकन नेताओं का कहना है कि इससे सरकारी खर्च और बोझ बढ़ेगा। इस गतिरोध के कारण बजट पारित नहीं हो सका है, जिससे कई विभागों के लिए फंड जारी नहीं हो पा रहा।
क्यों होता है सरकारी शटडाउन
अमेरिका में नया वित्त वर्ष हर साल 1 अक्टूबर से शुरू होता है। इससे पहले 30 सितंबर तक बजट पारित होना आवश्यक है। यदि कांग्रेस में बजट पर सहमति नहीं बनती, तो खर्च बिल पास नहीं हो पाता और सरकारी फंड रुक जाता है। परिणामस्वरूप गैर-जरूरी सरकारी सेवाएं बंद करनी पड़ती हैं और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाता।
7.5 लाख कर्मचारियों पर असर, कई सेवाएं ठप
अधिकारियों के अनुसार, यदि गतिरोध जल्द खत्म नहीं हुआ तो करीब 7.5 लाख संघीय कर्मचारियों को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा जा सकता है। कई गैर-जरूरी सरकारी कार्यक्रम बंद करने की तैयारी चल रही है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन अपने प्रमुख नीतिगत एजेंडे—अवैध प्रवासियों की वापसी और सीमा सुरक्षा—को लेकर और तेजी से काम कर रहा है।