वॉशिंगटन डीसी में आयोजित क्वाड देशों की विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को आतंकी गतिविधियों के खिलाफ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों को सजा दिलाने का पूरा अधिकार है।
जयशंकर ने बैठक में कहा कि 22 अप्रैल के हमले के बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत जो कार्रवाई की, वह आतंक के खिलाफ देश की दृढ़ नीति को दर्शाता है। उन्होंने उन देशों पर भी सवाल उठाए जो आतंकवाद के पीड़ित देशों के प्रति उदासीन रवैया अपनाते हैं।
सर्वदलीय एकता की सराहना
विदेश मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत द्वारा विभिन्न देशों में भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब करने का कार्य किया। उन्होंने कहा, “भारत की राजनीतिक विविधता के बीच एकजुटता और एक स्वर में दिया गया संदेश दुनिया को भारत की गंभीरता का परिचायक है। बतौर मंत्री ही नहीं, एक भारतीय नागरिक के रूप में मैं इसकी सराहना करता हूं।”
न्याय की अपील और वैश्विक रुख पर सवाल
जयशंकर ने कुछ वैश्विक शक्तियों की आलोचना करते हुए कहा कि जब अन्य देशों में आतंकी घटनाएं होती हैं तो कई राष्ट्र चुप्पी साध लेते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने सदैव आतंकवाद के खिलाफ सैद्धांतिक रुख अपनाया है, चाहे हमला देश के भीतर हुआ हो या विदेश में।
उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि, “आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में लाना न सिर्फ आवश्यक है, बल्कि यह दुनिया को यह दिखाने का तरीका भी है कि भारत इस चुनौती से कैसे निपटता है। ऑपरेशन सिंदूर का यही उद्देश्य था कि हम हमलावरों और उनके संरक्षकों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई करें।”
क्वाड देशों की संयुक्त निंदा
बैठक के अंत में क्वाड समूह के सभी देशों – भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया – ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। एक साझा बयान में उन्होंने पीड़ितों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए हमले के दोषियों को शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की।
हमले के बाद जवाबी कार्रवाई
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इसके जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर लक्षित कार्रवाई की थी।
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