चक्रवाती तूफान ‘सेन्यार’ कमजोर पड़ने के बावजूद मौसम विभाग की चिंता कम नहीं हुई है। बंगाल की खाड़ी में एक और शक्तिशाली सिस्टम विकसित होकर चक्रवात ‘दितवाह’ में बदल गया है, जिसके असर से दक्षिण भारतीय राज्यों में मौसम बिगड़ने की आशंका बढ़ गई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुरुवार को बताया कि खाड़ी में बना गहरा दबाव चक्रवात के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। इसके चलते तमिलनाडु, पुडुचेरी, दक्षिण आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल के तटीय इलाकों में 30 नवंबर तक खराब मौसम बने रहने की संभावना है। विभाग ने आगामी स्थिति को देखते हुए प्री-साइक्लोन अलर्ट जारी कर दिया है।
तटीय क्षेत्रों में भारी से अति भारी बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात दितवाह के प्रभाव से तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भारी वर्षा की संभावना है। शुक्रवार को दक्षिण तमिलनाडु के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई, जबकि कुछ इलाकों में तेज बारिश भी हुई। शनिवार को पूरे तमिलनाडु में बारिश का दायरा और बढ़ने की संभावना जताई गई है।
आईएमडी ने चेताया है कि तंजावुर, अरियालुर, पेरम्बलूर, कल्लाकुरिची, तिरुवन्नामलाई, वेल्लोर, रानीपेट, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और चेन्नई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। 30 नवंबर को उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में भी बारिश जारी रह सकती है।
मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह
चक्रवात के असर को देखते हुए IMD ने मन्नार की खाड़ी, कोमोरिन क्षेत्र, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और तमिलनाडु-पुडुचेरी तट पर 1 दिसंबर तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी है। जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत निकटतम तट पर लौटने को कहा गया है।
लगातार विकसित होते मौसम तंत्र को देखते हुए दक्षिण भारत के तटीय जिलों में प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा गया है और सुरक्षा तैयारियाँ बढ़ाई जा रही हैं।