नई दिल्ली। वाइस एडमिरल संजय वात्सायन ने कहा कि भारतीय नौसेना को पूरी जानकारी है कि चीन पाकिस्तान को पनडुब्बियां और युद्धपोत प्रदान कर रहा है, और इसे लेकर नौसेना हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही है। उनका यह बयान राजधानी दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया गया।
वाइस एडमिरल वात्सायन ने कहा कि भारतीय नौसेना देश की सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और पनडुब्बी-रोधी युद्ध क्षमता विकसित करने पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की पनडुब्बियों को जल्द ही शामिल करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, लेकिन भारतीय नौसेना पूरे क्षेत्र में हर स्थिति पर सतर्क है और अपनी तैयारियों का लगातार मूल्यांकन कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि नौसेना उन नई तकनीकों और क्षमताओं पर भी नजर रख रही है जो अन्य देश पेश कर रहे हैं और इन्हें ध्यान में रखते हुए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और आवश्यक उपकरणों को शामिल करने की योजना बना रही है। चीन के संदर्भ में वाइस एडमिरल ने कहा कि चीन अपना तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर शामिल करने जा रहा है, लेकिन भारत के पास अगले दो साल में कई नए विमान प्राप्त होने वाले हैं।
वाइस एडमिरल वात्सायन ने भारतीय नौसेना के ‘स्वावलंबन 2025’ कार्यक्रम का भी जिक्र किया, जो 25-26 नवंबर को मानेकशॉ सेंटर, दिल्ली में आयोजित होगा। यह कार्यक्रम नई तकनीकों, स्वदेशी समाधानों और नौसेना की आत्मनिर्भरता को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने कहा कि इस मंच पर नवोन्मेषकों, स्टार्टअप्स, उद्योगों और सशस्त्र बलों को एक साथ लाया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
उन्होंने कहा, “हमने पिछले पांच वर्षों में कई क्षमताएं हासिल की हैं और आवश्यक स्वीकृतियां भी प्राप्त कर ली हैं। हमें भरोसा है कि हम क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हर कदम उठा रहे हैं।”
वाइस एडमिरल ने पहले भी कहा था कि हिंद महासागर में विदेशी ताकतों की मौजूदगी पर नौसेना लगातार नजर रख रही है और क्षेत्र में लगभग 40-50 जहाज सक्रिय रहते हैं। भारतीय नौसेना हर परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।