भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें जल्द शुरू होने की संभावना, बातचीत अंतिम चरण में

भारत और चीन के बीच 2020 में कोविड-19 महामारी और सीमा विवाद के कारण बंद हुई सीधी उड़ान सेवाएं फिर से शुरू होने की संभावना है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के अधिकारी अंतिम दौर की बातचीत में लगे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में चीन के थियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा सकते हैं। यह सम्मेलन 31 अगस्त और 1 सितंबर को होगा।

भारत-चीन संबंधों में नरमी के संकेत
यह पहल उस समय की जा रही है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव भी चल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध प्रभावित हुए हैं। वहीं भारत और चीन ने अपने रिश्तों को सुधारने के लिए बातचीत तेज कर दी है। दोनों देशों ने सीमा पार चार व्यापारिक मार्गों को पुनः खोलने पर भी चर्चा शुरू कर दी है।

2020 से रुकी हुई उड़ानें फिर से चलाने की तैयारी
भारत और चीन के बीच कोविड-19 और पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद के चलते 2020 में सीधी उड़ान सेवाएं बंद कर दी गई थीं। अब दोनों देशों के बीच नया एयर सर्विस एग्रीमेंट (हवाई सेवा समझौता) तैयार किया जा रहा है। अगर नया समझौता नहीं हो पाया तो पुराने समझौते के तहत भी उड़ानें पुनः शुरू की जा सकती हैं। इस संभावित पुनः आरंभ के लिए भारत की राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया को भी सूचित किया गया है ताकि वह तैयारियां कर सके।

रिश्तों में सुधार के संकेत
पिछले कुछ महीनों में भारत और चीन ने अपने विवादों को कम करने के लिए कई प्रयास किए हैं। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़पों के बाद दोनों देशों के संबंध बिगड़ गए थे, लेकिन अक्टूबर 2024 में विवादित क्षेत्रों डेमचोक और डेपसांग से सैनिकों की वापसी के बाद रिश्तों में सुधार दिखने लगा है। इसके अलावा, भारत ने हाल ही में चीनी नागरिकों के लिए पर्यटन वीजा भी जारी करना शुरू कर दिया है, जो सकारात्मक बदलाव माना जा रहा है।

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