भारत दौरे पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद और द्विपक्षीय संबंधों पर विचार-विमर्श किया। जयशंकर ने कहा कि हाल के समय में दोनों देशों के रिश्ते कठिन दौर से गुजरे हैं, लेकिन अब भारत और चीन आगे बढ़ना चाहते हैं। वांग यी ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखा गया है। वांग पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगे।
जयशंकर ने बैठक में कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ लड़ाई प्रमुख प्राथमिकता है और भारत-चीन वार्ता स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंध बनाने में मदद करेगी। उन्होंने वांग यी का भारत में स्वागत करते हुए 24वें दौर की विशेष प्रतिनिधि वार्ता के महत्व पर भी जोर दिया।
जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों को अब आगे बढ़ने के लिए आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और हितों का ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि सीमा क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति बनाए रखना दोनों देशों के रिश्तों में सकारात्मक गति का आधार है और डी-एस्केलेशन प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए।
वांग यी ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और धार्मिक स्थलों पर यात्रा फिर से शुरू करना इस संबंध में अहम कदम हैं। उन्होंने सहयोग बढ़ाने और चीन-भारत संबंधों के सुधार पर जोर दिया।
चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया कि वांग यी की यात्रा का उद्देश्य पूर्व में बनी सहमति और सीमा वार्ता के निर्णयों पर मिलकर काम करना है, राजनीतिक विश्वास बढ़ाना और व्यावहारिक सहयोग को आगे बढ़ाना है। दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए सकारात्मक और रचनात्मक वार्ता जारी रखेंगे।
इस दौरे का समय भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने रूस से तेल खरीद पर भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया था। इसके बाद एनएसए अजीत डोभाल ने रूस का दौरा किया और चीन के विदेश मंत्री वांग यी को सीमा वार्ता के लिए भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस समय एससीओ की बैठक में भाग लेने के लिए चीन जाएंगे।