गोवा के चर्चित नाइट क्लब अग्निकांड मामले में आरोपी सौरभ और गौरव लूथरा पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। बुधवार को मामले में नया मोड़ आया, जब विदेश मंत्रालय को गोवा सरकार की ओर से दोनों के पासपोर्ट रद्द करने का औपचारिक अनुरोध भेजा गया। यह कार्रवाई ऐसे समय में की गई है जब दोनों भाई घटना के कुछ ही घंटे बाद देश छोड़कर थाईलैंड भाग चुके हैं और दिल्ली में उनकी अग्रिम ज़मानत पर लगातार सुनवाई टल रही है।

दिल्ली अदालत ने उठाया सवाल—“मौजूद ही नहीं हैं तो अग्रिम ज़मानत कैसे?”

रोहिणी अदालत में ट्रांज़िट अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कड़ी आपत्ति जताई। न्यायाधीश ने कहा कि जब आरोपी अदालत के अधिकार क्षेत्र में उपस्थित नहीं, तो अग्रिम ज़मानत का आधार ही नहीं बनता। राज्य पक्ष ने भी दलील दी कि गोवा की अदालत पहले ही गैर-जमानती वारंट जारी कर चुकी है और आरोपी विदेश में हैं, ऐसे में किसी तरह की राहत देना उचित नहीं होगा।

क्लब के मालिक न होने का दावा

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने बताया कि सौरभ लूथरा मिर्गी और हाई ब्लड प्रेशर की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों भाई क्लब के मालिक नहीं, बल्कि लाइसेंसधारी मात्र हैं और वैध अनुमति के साथ अपना काम कर रहे थे। उनका कहना है कि असली मालिक कोई और है और उन पर गलत तरीके से आरोप मढ़े जा रहे हैं।

गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा की मांग

राज्य के वकील ने विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा और अदालत को बताया कि आरोपी देश से फरार हैं, इसलिए उन्हें किसी तरह की अंतरिम सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए। वहीं, आरोपियों की ओर से पेश वकील तनवीर अहमद मीर ने दलील दी कि अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी से राहत दी जाए ताकि वे गोवा की अदालत में आत्मसमर्पण कर सकें। उन्होंने कहा कि दोनों दिल्ली के स्थायी निवासी हैं और सिर्फ कानूनी प्रक्रिया का पालन करना चाहते हैं।

थाईलैंड भागने की पुष्टि

गोवा पुलिस के अनुसार, आगकांड के तुरंत बाद ही दोनों भाई विदेश जाने की तैयारी में लग गए थे। उन्होंने 7 दिसंबर को रात 1:17 बजे थाईलैंड के लिए टिकट बुक कर ली और उसी रात देश छोड़ दिया। बता दें कि दोनों के खिलाफ इंटरपोल की ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी हो चुकी है।

ऑपरेशन से पल्ला झाड़ा

लूथरा भाइयों के वकीलों ने कहा कि ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नामक क्लब का संचालन तीन अन्य व्यापार साझेदारों और एक मैनेजर के हाथ में था। वकीलों ने दावा किया कि रोजमर्रा के संचालन में लूथरा भाइयों की कोई सीधी भूमिका नहीं थी। क्लब का मैनेजर पहले ही गिरफ्तार हो चुका है और जांच में वही मुख्य भूमिका निभा रहा है।