वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन भारत में 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को एनआईए कोर्ट से कड़ी सजा दिलाएंगे। वह इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अभियोजन की पैरवी करेंगे। कृष्णन ने राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण में अहम भूमिका निभाई थी।
तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है, क्योंकि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को राणा की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ समीक्षा याचिका खारिज कर दी थी। राणा 26/11 हमले के मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है, जो एक अमेरिकी नागरिक है।
कृष्णन को विशेष अभियोजक नरेंद्र मान का मिलेगा साथ
वरिष्ठ वकील कृष्णन 2010 से राणा की भारत प्रत्यर्पण कार्यवाही से जुड़े हैं। उन्हें राणा को कड़ी सजा दिलाने के लिए विशेष अभियोजक नरेंद्र मान का साथ मिलेगा। मान एक अनुभवी आपराधिक वकील हैं। वह दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि अभियोजन टीम में एनआईए के वकील के अलावा वकील संजीवी शेषाद्रि और श्रीधर काले भी शामिल रहेंगे।
2018 में शुरू हुई राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया 2018 में शुरू हुई थी, लेकिन इस मामले में पहला महत्वपूर्ण फैसला 16 मई 2023 में आया। प्रत्यर्पण कार्यवाही से जुड़े सूत्र के मुताबिक, उस समय कैलिफोर्निया की अमेरिकी अदालत ने राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति दी थी। अमेरिका की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने वरिष्ठ वकील कृष्णन की दलीलों को सही ठहराया था, क्योंकि उन्होंने तर्क दिया था कि राणा का मामला दोहरे खतरे का नहीं था। वहीं, राणा के वकील पॉल गार्लिक क्यूसी ने तर्क दिया था कि यह दोहरे खतरे का मामला था। कार्यवाही के दौरान दोनों वकीलों के बीच जोरदार बहस हुई। अंतत: अदालत ने कृष्णन के तर्क को सही ठहराते हुए राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी।
- कानूनी भाषा में दोहरे खतरे का मतलब अभियुक्त को एक ही अपराध के लिए दो बार दंडित किए जाने से है।
10 अगस्त 2024 को मिली दूसरी सफलता
इसके बाद, भारत सरकार को दूसरी सफलता 10 अगस्त 2023 को मिली, जब अमेरिकी जिला न्यायाधीश ने राणा की अपील को खारिज कर दिया। इसके बाद, राणा ने यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स 9वें सर्किट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी 15 अगस्त 2024 को उसकी याचिका खारिज कर दी गई।
4 अप्रैल को यूएस सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की समीक्षा याचिका
पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक 64 वर्षीय तहव्वुर राणा ने बाद में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील की, लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिली। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा को 21 जनवरी 2025 को राहत देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 4 अप्रैल को राणा की समीक्षा याचिका को अंतिम प्रयास के रूप में खारिज कर दिया। राणा की समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद उसका भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया।