कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजनीति में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य भाजपा की दखलंदाजी को स्वीकार नहीं करेगा। टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने शनिवार को कहा कि राज्य की जनता डर, हिंसा और पैसे बाँटकर जीतने की राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगी।

ममता बनर्जी की भूमिका:
घोष ने कहा कि बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा लोगों के बीच रहती हैं और यह कोई “हवाई जहाज वाली नेता” नहीं हैं, जो सिर्फ वोट मांगकर चली जाएँ। उनका दावा है कि ममता बनर्जी की लगातार जनता के साथ उपस्थिति ही बंगाल में पार्टी की लोकप्रियता का मुख्य कारण है।

महिला सशक्तिकरण और कल्याण योजनाएं:
टीएमसी सांसद ने राज्य सरकार की कन्याश्री योजना को उदाहरण बताते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण के प्रति सरकार की वास्तविक प्रतिबद्धता दर्शाती है। उन्होंने जोर दिया कि यह किसी चुनावी वादा या वोट बैंक की चाल नहीं है।

केंद्र सरकार पर आरोप:
घोष ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने बंगाल के हक को रोक रखा है। उन्होंने कहा कि मनरेगा, आवास योजनाओं और अन्य विकास योजनाओं के तहत राज्य को मिलने वाले फंड केंद्र ने रोक दिए हैं। इसके अलावा, बंगालियों को केवल बांग्ला भाषा बोलने के कारण निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूर और गरीब जो अन्य राज्यों में काम के लिए जाते हैं, उन्हें घुसपैठिया कहा जा रहा है।

भाषा और संस्कृति पर हमला:
घोष ने कहा कि भाजपा के कुछ लोग बंगाली भाषा को “बांग्लादेशी भाषा” तक बता चुके हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि बंगाल अपनी भाषा और संस्कृति पर किसी तरह के आघात को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य अपने गौरवशाली इतिहास नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवींद्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद के आदर्शों के अनुसार भाजपा के खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।

पीएम मोदी का बयान:
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार में भाजपा की जीत का जिक्र करते हुए कहा था कि पश्चिम बंगाल में भी पार्टी जीत हासिल करेगी और राज्य में “जंगल राज” समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि बिहार से बंगाल तक भाजपा का राजनीतिक विस्तार गंगा मार्ग से जारी रहेगा।