नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की एक तस्वीर ने पूरे देश को भावुक कर दिया था। यह तस्वीर थी हिमांशी नरवाल की, जो शादी के कुछ ही दिन बाद अपने पति, लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के साथ हनीमून मनाने गई थीं, लेकिन उसी यात्रा में एक आतंकी हमले में अपने पति को खो बैठीं। पति के पार्थिव शरीर के पास बैठी हिमांशी की तस्वीर ने लाखों दिलों को झकझोर दिया।

पाकिस्तानी सेना प्रमुख पर पिता का तीखा प्रहार

अब, शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पिता राजेश नरवाल ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपना दर्द साझा किया है। एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "जब उसके खुद के बेटे या बेटी को आतंकवाद में खोना पड़ेगा, तभी उसे हमारी पीड़ा का अहसास होगा। जिस दिन वह इस त्रासदी को महसूस करेगा, तब समझेगा कि आतंक क्या होता है।"

परिवार के सामने रो भी नहीं सकता- राजेश नरवाल

राजेश नरवाल ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को खोने के बाद खुद को बड़ी मुश्किल से संभाला है। उन्होंने कहा, "मैं अपनी पत्नी और माता-पिता के सामने टूट नहीं सकता। वे पहले ही बुरी तरह बिखर चुके हैं। मैं उन्हें यह यकीन दिलाता हूं कि मैं मजबूत हूं, लेकिन भीतर से मैं भी पूरी तरह खाली हो चुका हूं। नींद नहीं आती, मन बेचैन रहता है, और मनोचिकित्सकों से मिलने पर दवाएं तो मिलती हैं लेकिन राहत नहीं।"

शादी के बाद हनीमून पर गया था नवविवाहित जोड़ा

लेफ्टिनेंट विनय और हिमांशी ने 16 अप्रैल को विवाह किया था और कुछ दिन बाद रिसेप्शन हुआ। इसके तुरंत बाद दोनों हनीमून के लिए कश्मीर रवाना हुए। लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में विनय को सिर में गोली लगी और उन्होंने मौके पर ही प्राण त्याग दिए। विनय एक होनहार नौसेना अधिकारी थे, जो महज दो वर्षों में लेफ्टिनेंट के पद तक पहुंचे थे।

बचपन से ही सेना के प्रति था जुनून

विनय के पिता ने बताया कि उनका बेटा बचपन से ही सैनिकों को देखकर रोमांचित हो जाता था। "कभी भी फौजियों का काफिला आता, तो वह मुझे खींचकर सड़क किनारे ले जाता। उसमें नेतृत्व और अनुशासन दोनों का जबरदस्त समावेश था। हमने तीस साल लगाकर अपने बेटे को गढ़ा था — सच बोलने वाला, ईमानदार, निर्भीक... और वही उसकी पहचान भी बनी।"

राजेश नरवाल की आंखों में आंसू थे, लेकिन स्वर में गर्व भी — "विनय मेरा हीरो था और हमेशा रहेगा। हर सुबह जब आंखें खुलती हैं, तो सबसे पहले वही सामने होता है।"