गोहाना। रोहतक-पानीपत हाईवे स्थित गांव चिड़ाना में एक बंद इंजीनियरिंग संस्थान में CSIR-UGC NET परीक्षा का पेपर एक दिन पहले लीक होने का मामला सामने आया है। यहां 37 अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र देकर हल करवाया गया। वर्तमान में इस स्थल पर कबड्डी अकादमी संचालित की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, यह मामला 18 दिसंबर को आयोजित की गई परीक्षा से जुड़ा है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा देशभर में कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित की गई थी, लेकिन गोहाना में पेपर 17 दिसंबर को ही लीक हो गया। मामले की जांच के लिए सीएम फ्लाइंग टीम ने सदर थाना में केस दर्ज कर रैकेट का पर्दाफाश किया।
पेपर लीक का तरीका और रेड
सीएम फ्लाइंग टीम को 17 दिसंबर को सूचना मिली कि कुछ अभ्यर्थियों के लिए पेपर लीक किया गया है। रैकेट ने अभ्यर्थियों को अलग-अलग स्थानों से टेंपो ट्रैवलर में बैठाकर गोहाना लाया। पुराने रायत बाहरा इंजीनियरिंग कॉलेज की बंद इमारत में परीक्षा कराई गई। मौके पर टीम ने 37 अभ्यर्थियों को पाया। इनमें से 16 अभ्यर्थियों को कैमिस्ट्री और 21 को लाइफ साइंस के पेपर देने थे। रेड के दौरान ए और बी सेट के कुल 66 पेज बरामद किए गए।
गिरफ्तारी और रैकेट का खुलासा
रेड के दौरान रोहतक के करौथा गांव के नीरज और सचिन को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि ये दोनों अभ्यर्थियों के पास बैठकर उन्हें प्रश्न पत्र हल करवाते थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह पूरा नेटवर्क संगठित तरीके से काम कर रहा था और प्रत्येक अभ्यर्थी से तीन से चार लाख रुपये वसूले जा रहे थे।
गिरफ्तार नीरज और सचिन के बयान के आधार पर अन्य गिरोह के सदस्यों के नाम सामने आए हैं, जिनमें धीरज, पवन और आशीष शामिल हैं। एसआई कर्मबीर की शिकायत पर इन पांचों के खिलाफ गोहाना सदर थाना में केस दर्ज किया गया है। पकड़े गए 37 विद्यार्थियों में किसी का नाम शामिल नहीं किया गया है। पुलिस फिलहाल प्रश्न पत्रों का मिलान कर रही है।
स्थानीय चर्चा और संस्थान खरीद
क्षेत्र में चर्चा है कि गांव शामड़ी के रोबिन खोखर और उनके साथियों ने रायत बाहरा संस्थान खरीद लिया है। रोबिन का नाम पहले भी पेपर लीक करने वाले रैकेट से जुड़ा रहा है। उन्होंने सितंबर में संस्थान में बड़े स्तर पर हवन कार्यक्रम भी करवाया था।