राउरकेला। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के उद्देश्य से राज्य परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने तेल विपणन कंपनियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जिन वाहनों के पास वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) प्रमाणपत्र नहीं है, उन्हें पेट्रोल या डीजल न दिया जाए। इस संबंध में संबंधित कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं।
हालांकि, नए साल से इस व्यवस्था के लागू होने की चर्चाओं के चलते वाहन मालिकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसके चलते राउरकेला में प्रदूषण जांच केंद्रों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। शहर में फिलहाल 25 पॉल्यूशन जांच यूनिट संचालित हो रही हैं, जहां पेट्रोल पंपों के आसपास और प्रमुख चौराहों—हनुमान वाटिका चौक, सेक्टर-20 चौक, सेक्टर-2 बीजू पटनायक चौक और छेंड चौक—पर लंबी कतारें देखी जा रही हैं।
कई वाहन मालिकों का कहना है कि जिन वाहनों पर पहले से चालान लंबित है और जुर्माना जमा नहीं हुआ है, उनके PUC प्रमाणपत्र अपलोड नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा, जांच प्रक्रिया के दौरान मोबाइल पर ओटीपी न आने से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
तेल कंपनियों को सख्त निर्देश
राज्य परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम सहित सभी तेल कंपनियों के राज्य प्रमुखों को पत्र लिखकर इस आदेश के सख्त अनुपालन के निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि बड़ी संख्या में वाहन बिना वैध प्रदूषण प्रमाणपत्र के सड़कों पर चल रहे हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान और जनस्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि कानूनी प्रावधानों को प्रभावी बनाने के लिए अब ऐसे किसी भी वाहन को ईंधन नहीं दिया जाएगा, जिसके पास वैध PUC प्रमाणपत्र नहीं होगा। हालांकि, इस व्यवस्था के लागू होने की तिथि को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
इसके बावजूद संभावित सख्ती की आशंका से वाहन मालिक पहले ही प्रदूषण जांच केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं, जिससे व्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव बन रहा है।