इंडिया गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। तेलंगाना से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को विपक्षी दलों ने संयुक्त उम्मीदवार बनाया है। उनका सीधा मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा। सुदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की।
खरगे ने बताया कि सभी विपक्षी दलों से चर्चा के बाद रेड्डी का नाम तय किया गया है। आम आदमी पार्टी ने भी उनके नाम का समर्थन किया है।
सहमति बनाने की कोशिश नाकाम
सरकार की ओर से उपराष्ट्रपति पद पर सर्वसम्मति बनाने की पहल की गई थी, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। एनडीए ने दो दिन पहले ही राधाकृष्णन को उम्मीदवार घोषित कर दिया था। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सभी राजनीतिक दलों से संवाद की जिम्मेदारी दी गई थी।
इससे पहले डीएमके के सांसद तिरुचि शिवा का नाम विपक्षी खेमे में चर्चा में था, लेकिन अंततः गठबंधन ने तेलंगाना के बी. सुदर्शन रेड्डी पर भरोसा जताया।
कौन हैं बी. सुदर्शन रेड्डी?
बी. सुदर्शन रेड्डी 2007 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे। 1946 में जन्मे रेड्डी ने आंध्र प्रदेश से शिक्षा प्राप्त की और उस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के बाद उन्होंने वरिष्ठ वकील प्रताप रेड्डी के अधीन काम शुरू किया।
अगस्त 1988 में वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में सरकारी वकील नियुक्त हुए। 1993 में उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया। 2005 में वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 2007 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने। 2013 में उन्हें गोवा का लोकायुक्त नियुक्त किया गया।
सुदर्शन रेड्डी पर क्यों दांव?
भाजपा ने तमिलनाडु से आने वाले राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है, जिसे दक्षिण भारत की राजनीति साधने की रणनीति माना जा रहा है। इसके जवाब में कांग्रेस ने तेलंगाना से रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर संतुलन साधने की कोशिश की है।
साथ ही, रेड्डी तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण समिति के प्रमुख भी रह चुके हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार जाति जनगणना का मुद्दा उठा रहे हैं। ऐसे में सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी इस अभियान को और धार देने की रणनीति मानी जा रही है।