आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और अभिनेता-नेता पवन कल्याण के हालिया बयान ने तेलुगु राज्यों के बीच राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है।
पवन कल्याण ने कोनसीमा क्षेत्र में समुद्री पानी के कारण हुई नारियल फसलों की बर्बादी का निरीक्षण करते हुए ‘दृष्टि’ यानी बुरी नजर का उल्लेख किया। इस बयान को लेकर तेलंगाना के कुछ नेताओं ने इसे इस तरह लिया कि पवन कल्याण फसल नुकसान के लिए तेलंगाना के लोगों को दोष दे रहे हैं।
कोनसीमा में समुद्री पानी के घुसने से हजारों एकड़ नारियल की फसल तबाह हो गई है। इस पर टिप्पणी करते हुए पवन कल्याण ने कहा कि कोनसीमा की हरियाली और सुंदरता की तारीफ पहले तेलंगाना के लोग भी किया करते थे। उन्होंने जोड़ा कि शायद इस क्षेत्र पर ज्यादा दृष्टि पड़ने के कारण नारियल के पेड़ टूट गए।
तेलंगाना मंत्रियों की प्रतिक्रिया
तेलंगाना के सिनेमाटोग्राफी मंत्री कोमटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने पवन कल्याण पर कड़ा हमला किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उपमुख्यमंत्री बिना शर्त माफी नहीं मांगते हैं, तो उनकी फिल्में तेलंगाना में नहीं दिखाई जाएंगी। मंत्री ने कहा कि यह बयान राज्य और जनता का अपमान है।
पशुपालन मंत्री वाकाटी श्रीहारी ने भी पवन कल्याण पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बयान राजनीतिक परिपक्वता की कमी दर्शाता है और केवल राजनीतिक लाभ के लिए दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पवन कल्याण तेलंगाना की तेज प्रगति को सहन नहीं कर पा रहे हैं।
कांग्रेस विधायक ने भी जताई नाराजगी
कांग्रेस विधायक जे. अनिरुद्ध रेड्डी ने कहा कि अगर तेलंगाना ने कोनसीमा पर बुरी नजर डाली है, तो पवन कल्याण हैदराबाद में क्यों रहते हैं। उन्होंने तंज कसा कि उन्हें अपनी हैदराबाद की संपत्तियाँ बेचकर विजयवाड़ा स्थानांतरित कर लेनी चाहिए।