असम में भूपेन हजारिका की 100वीं जयंती पर बोले पीएम मोदी: ‘भारत की एकता के महान नायक’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (13 सितंबर) को मणिपुर दौरे के बाद असम पहुंचे और गुवाहाटी में भारत रत्न भूपेन हजारिका की जन्मशताब्दी पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके जीवन पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया और 100 रुपये का विशेष स्मारक सिक्का जारी किया।

पीएम मोदी ने कहा कि असम में भूपेन हजारिका के शताब्दी समारोह का हिस्सा बनना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि भूपेन दा के गीत आज भी लोगों को जोड़ते हैं और उनमें नई ऊर्जा भरते हैं। उनका संगीत “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की अवधारणा का प्रतिनिधित्व करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत रत्न सम्मान केवल हजारिका जी के लिए नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर के लिए गर्व की बात है।

‘भारत की एकता और अखंडता के प्रतीक’
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब उत्तर-पूर्व उपेक्षा और हिंसा से जूझ रहा था, उस कठिन दौर में भी भूपेन हजारिका भारत की एकता की आवाज बने रहे। उन्होंने समृद्ध और शांतिपूर्ण पूर्वोत्तर का सपना देखा और असम व देश के लिए प्रेरणादायक गीत रचे।

‘संघर्ष के समय भी देश को दिया हौसला’
मोदी ने याद किया कि 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान असम प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुआ था। उस समय भूपेन दा ने ऐसा गीत गाया जिसने देशवासियों के मनोबल को ऊंचा किया और देशभक्ति की भावना को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि वही जोश और हौसला आगे के कठिन समय, जैसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी लोगों के दिलों में जीवित रहा।

‘भारत का दुश्मन किसी भी कोने में सुरक्षित नहीं रहेगा’

पीएम ने कहा कि देश ने पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों का ऐसा जवाब दिया कि भारत की ताकत की गूंज पूरी दुनिया तक पहुंच गई है. हमने दिखा दिया है कि भारत का दुश्मन किसी भी कोने में सुरक्षित नहीं रहेगा. नया भारत किसी भी कीमत पर अपनी सुरक्षा और स्वाभिमान से समझौता नहीं करेगा.

‘असम की संस्कृति का हर पहलू अद्भुत है’

प्रधानमंत्री ने कहा ‘असम की संस्कृति का हर पहलू अद्भुत है, असाधारण है और इसलिए मैं कई बार कहता था कि वह दिन दूर नहीं जब देश का बच्चा-बच्चा पढ़ेगा A FOR ASSAM’. पीएम ने कहा कि यहां की संस्कृति, सम्मान और स्वाभिमान के साथ साथ यहां अपार संभावनाओं का स्रोत भी है.

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