नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से कांग्रेस सांसद शशि थरूर के राजनीतिक तेवरों में बदलाव साफ देखा जा रहा है। पार्टी लाइन से अलग हटकर थरूर कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों की खुलकर तारीफ करते रहे हैं, जिससे कांग्रेस खेमे में असहजता भी बढ़ी है। इसी क्रम में उन्होंने एक बार फिर प्रधानमंत्री की विचारधारा की सराहना करते हुए नया चर्चित बयान दिया है।
मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने छठे रामनाथ गोयनका व्याख्यान को संबोधित करते हुए 2035 तक भारत को "मैकाले की मानसिकता" से बाहर निकालने का संकल्प जताया। इस कार्यक्रम के दौरान शशि थरूर भी दर्शकों में उपस्थित थे।
थरूर ने एक्स पर साझा की प्रशंसा
कार्यक्रम के बाद शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री के संबोधन को सराहा। उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी देश को ‘गुलामी की मानसिकता’ से मुक्त करने का संदेश दे रहे हैं और भारत को सिर्फ एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि वैश्विक उदाहरण के रूप में स्थापित होते हुए दिखा रहे हैं।
थरूर के अनुसार, भाषण का सबसे उल्लेखनीय हिस्सा मैकाले की दो सदियों पुरानी विरासत पर प्रधानमंत्री द्वारा किया गया प्रहार था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आने वाले दशक में भारतीय भाषाओं, विरासत और पारंपरिक ज्ञान को नए गौरव के साथ आगे बढ़ाने की बात रखी।
थरूर ने यह भी लिखा कि प्रधानमंत्री खुद को हमेशा ‘इलेक्शन मोड’ में रहने का आरोप झेलने वाले बताते हैं, जबकि असल में वे लोगों की समस्याओं पर बात करते समय "इमोशनल मोड" में रहते हैं। थरूर ने खांसी-जुकाम के बावजूद कार्यक्रम में मौजूद रहकर स्वयं को सौभाग्यशाली बताया।
बीजेपी नेताओं के बीच बैठे दिखे कांग्रेस सांसद
कार्यक्रम के दौरान शशि थरूर की बैठने की पंक्ति भी चर्चा का विषय बनी। वे केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बाईं ओर और पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के दाईं ओर बैठे नजर आए। इस व्यवस्था ने भी राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलों को हवा दी है।