देश के संसद का मॉनसून सत्र हंगामे के कारण बाधित हो गया है। विपक्ष वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है। सोमवार को इंडिया गठबंधन ने इस विषय पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच सरकार ने साफ संकेत दे दिया है कि संसद का समय अब और बर्बाद नहीं किया जाएगा और अब केवल जरूरी बिलों को पारित कराया जाएगा। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस सहित विपक्ष पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि मॉनसून सत्र में कांग्रेस और विपक्ष ने बहुत समय व्यर्थ किया है। अब और वक्त खराब नहीं किया जाएगा और महत्वपूर्ण बिलों को दोनों सदनों से पास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने 30 विपक्षी सदस्यों को बुलाया था, लेकिन वे उपस्थिति नहीं हुए। मंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति की गलती और एक परिवार की वजह से देश इतना नुकसान सहन नहीं कर सकता। कई विपक्षी सांसदों ने भी बताया कि वे मजबूर हैं और उनके नेता उन्हें जबरदस्ती हंगामा करने को कहते हैं। इसलिए अब संसद का समय बर्बाद नहीं होगा, बल्कि राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 को लोकसभा में पारित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
चुनाव आयोग द्वारा बुलाए गए विपक्षी सदस्यों पर सवाल उठाते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि वे अपना नेता नहीं चुन पाए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि सभी को जाना था, लेकिन चुनाव आयोग इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बैठक में कैसे बिठा सकता है। रिजिजू ने कहा कि ये लोग न तो संसद पर विश्वास करते हैं और न ही चुनाव आयोग पर। वे किसके इशारे पर अपनी छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, यह समझना जरूरी है। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे चर्चा में भाग लें।
केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष से अपील की कि वे जरूरी बिलों पर चर्चा करें और संशोधन हो तो प्रस्तुत करें, लेकिन चर्चा में हिस्सा लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि वे अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि विपक्ष अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझ रहा है। हमारी देश के प्रति जवाबदेही है और हमने कभी इतना गैर-जिम्मेदाराना विपक्ष नहीं देखा।
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव को लेकर किरेन रिजिजू ने कहा कि ये नेता संविधान का सम्मान नहीं करते। वे संविधान की किताब तो पकड़ते हैं लेकिन उसकी बात नहीं मानते। उनका कहना था कि एक परिवार के नेता संविधान का पालन नहीं कर सकते। वे कर्म के आधार पर नेता नहीं हैं, बल्कि जन्मजात नेता बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में इनकम टैक्स बिल पर चर्चा के लिए पर्याप्त समय दिया गया, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं कर रहा।