प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में संपन्न मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि यह समझौता भारत पर वैश्विक विश्वास का संकेत है और यह देश की बढ़ती प्रतिष्ठा का प्रमाण है।
ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' के तहत विकसित रक्षा उपकरणों ने सीमा पार अभियानों में निर्णायक भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इन हथियारों ने दुश्मनों को करारा जवाब देने में मदद की और उन्हें चौंका दिया।
प्रधानमंत्री शनिवार को तमिलनाडु में करीब 4,900 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और लोकार्पण करने पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्होंने राज्य में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया।
एफटीए से बढ़ेगा भारत का व्यापारिक सामर्थ्य
तमिलनाडु दौरे के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि मालदीव से लौटने के बाद उन्होंने सीधे राज्य का दौरा किया। उन्होंने बताया कि भारत-ब्रिटेन एफटीए पर हस्ताक्षर उनकी विदेश यात्रा के दौरान हुए थे। उन्होंने कहा कि यह समझौता न केवल ऐतिहासिक है, बल्कि यह विकसित भारत और विकसित तमिलनाडु की दिशा में एक मजबूत कदम है।
मोदी ने कहा कि इस समझौते के तहत अब ब्रिटेन में 99 प्रतिशत भारतय उत्पादों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा, जिससे भारतीय सामानों की मांग में वृद्धि होगी और देश में उत्पादन के अधिक अवसर पैदा होंगे। विशेष रूप से तमिलनाडु के एमएसएमई, स्टार्टअप और युवाओं को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
बुनियादी ढांचे से विकास को गति
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य की प्रगति के लिए आधारभूत ढांचे और ऊर्जा की मजबूत नींव जरूरी है। उन्होंने बताया कि बीते ग्यारह वर्षों में केंद्र सरकार का पूरा ध्यान इन क्षेत्रों पर केंद्रित रहा है, जिससे तमिलनाडु की तरक्की को नई दिशा मिली है। इस दौरान उन्होंने अटल सेतु, बोगीबील पुल और सोनमर्ग सुरंग जैसी परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि इससे हजारों रोजगार भी सृजित हुए हैं।
तमिलनाडु में जिन परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ, उनमें 450 करोड़ रुपये की लागत से बना तूतीकोरिन एयरपोर्ट का नया टर्मिनल शामिल है। पहले जहां इसकी क्षमता तीन लाख यात्रियों की थी, वहीं अब यह सालाना 20 लाख से अधिक यात्रियों को सेवाएं देने में सक्षम हो गया है।
ऊर्जा और कनेक्टिविटी को लेकर बड़ी परियोजनाएं
ऊर्जा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ने कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई से विद्युत निकासी के लिए इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम की आधारशिला रखी। इस प्रणाली में कुडनकुलम से तुतुकुडी तक 400 केवी डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी, जिसकी अनुमानित लागत 550 करोड़ रुपये है। यह परियोजना न केवल तमिलनाडु बल्कि अन्य राज्यों की ऊर्जा आवश्यकताओं को भी पूरा करेगी।
तूतीकोरिन के मोती और वैश्विक सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर बताया कि उन्होंने तूतीकोरिन के प्रसिद्ध मोती अमेरिकी उद्योगपति बिल गेट्स को उपहार स्वरूप भेंट किए, जिन्होंने इसकी खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि यह मोती कभी भारत की आर्थिक शक्ति के प्रतीक थे।
तमिलनाडु को तीन लाख करोड़ रुपये की मदद
पीएम मोदी ने बताया कि पिछले एक दशक में केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को तीन लाख करोड़ रुपये की सहायता दी है, जो पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में तीन गुना अधिक है। इस दौरान राज्य को ग्यारह नए मेडिकल कॉलेज भी मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार केंद्र ने तटीय क्षेत्रों और मछुआरा समुदायों की समस्याओं पर ध्यान दिया है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानियों वीओ चिदंबरम पिल्लई, वीरपांडिया कट्टाबोम्मन और वीरन अझगू मुथुकोन को श्रद्धांजलि दी।
राज्यपाल व अन्य गणमान्य हुए शामिल
इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, केंद्रीय उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू, केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन, राज्य की मंत्री पी. गीता जीवन, सांसद कनिमोई और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री को वल्लुवर कोट्टम की एक प्रतिकृति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की गई