वक्फ बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में जोरदार हंगामा देखा गया था। यहां भाजपा और टीएमसी के सांसदों के बीच झड़प हो गई थी। अब द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) सांसद और वक्फ संशोधन विधेयक पर गठित संसदीय समिति के सदस्य ए. राजा ने बुधवार को समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर हमला बोला। उन्होंने पाल पर एक विपक्षी सदस्य द्वारा कांच की बोतल तोड़ने और उसे कथित तौर पर उनकी तरफ फेंकने की घटना के बारे में मीडिया से बात करके नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

कार्यवाही गोपनीय होने के बावजूद पत्रकारों से बात की
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के अनुभवी सांसद पाल जल्दबाजी में समिति की बैठकें कर रहे हैं, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि यह समिति न्याय देने में सक्षम नहीं होगी। राजा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बैठक में जो कुछ हुआ, उसे उजागर करने के लिए अध्यक्ष ने यह जानते हुए भी पत्रकारों से बात की कि कार्यवाही गोपनीय है और इसका खुलासा नहीं किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘बैठक में घटी अप्रिय घटना के बावजूद अध्यक्ष द्वारा जिस तरीके से और जल्दबाजी में बैठक का संचालन किया गया, उससे सदस्यों एवं आम लोगों के मन में संदेह उत्पन्न होता है कि न्याय नहीं मिल पाएगा। आइए, हम बाधाओं के बावजूद अपने लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखने के लिए लड़ें।’

वक्फ बोर्ड के भीतर जो नाइंसाफी हो रही: मजूमदार
वक्फ बोर्ड पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, 'हमारी सरकार वक्फ बोर्ड के भीतर जो नाइंसाफी हो रही है उसे दूर करने की कोशिश कर रही है। उदाहरण के लिए, वे 1500 साल पुराने मंदिर को वक्फ संपत्ति के रूप में दावा कर रहे हैं। इस्लाम की उम्र 1400 है और भारत में इससे भी कम है, लेकिन 1500 साल पुराना मंदिर वक्फ की संपत्ति है। यह किस तरह का दावा है? यह और कुछ नहीं बल्कि वोट बैंक है।'

क्या बोले भाजपा नेता?
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी पर भाजपा नेता निसिथ प्रमाणिक ने कहा, 'संसद की गरिमा को नष्ट करते हैं। इसे लेकर उन्हें पहले भी कई बार चेतावनी दी जा चुकी है। वरिष्ठ नेताओं को सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए। देश और अपनी पार्टी की गरिमा के बारे में भी सोचना चाहिए। किसी भी सांसद को इस तरह का व्यवहार शोभा नहीं देता।'

तृणमूल कांग्रेस हिंसा का एक तरह से प्रतीक बन गई: चंद्रशेखर
भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा, 'ये लोग जो लोकतंत्र की बहुत बात करते हैं और हर मौके पर लोकतंत्र या संविधान की बात करते हैं, ये वही लोग हैं जो हर दिन संविधान और लोकतंत्र का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं। संयुक्त संसदीय समिति में  सांसदों द्वारा इस तरह का व्यवहार करने पर मेरा मानना है कि हाल के दिनों में हम अपने लोकतंत्र के इससे नीचे गिरने का कोई उदाहरण नहीं देखेंगे। तृणमूल कांग्रेस एक तरह से प्रतीक बन गई है कि वे हिंसा और व्यवधान की राजनीति के एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं और मेरा मानना है कि यह बहुत गलत है। हमारी संसद, हमारी संसदीय संस्था के लिए एक बड़ा खतरा है और उनके खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।'

यह है मामला
वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में मंगलवार को उस समय बहुत ही नाटकीय घटनाक्रम हुआ जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने भाजपा सदस्य अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस के बाद पानी वाली कांच की बोतल तोड़कर समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की तरफ फेंक दी। इस दौरान उनकी अंगुलियों में चोट आई और उनका प्राथमिक उपचार किया गया।

इसके बाद समिति ने उन्हें एक दिन के लिए बैठक से निलंबित कर दिया। पाल ने बाद में इस अप्रिय घटना के बारे में पत्रकारों से बातचीत की और बनर्जी के पक्षपात के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने सभी को अपने विचार रखने की अनुमति दी है।

समिति में भाजपा और विपक्षी सदस्यों के बीच विवादित विधेयक के मुद्दे पर बैठक की कार्यवाही को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। सरकार ने इस विधेयक को आवश्यक सुधार बताया है जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के दलों ने इसे मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताते हुए इसकी निंदा की है।