उत्तरी भारत में लगातार हो रही भारी बारिश से नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। स्थिति को देखते हुए भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को तवी नदी में बाढ़ की आशंका को लेकर चेतावनी भेजी है। बुधवार को नई दिल्ली से जारी इस अलर्ट में कहा गया कि कई बड़े बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है, जिससे पाकिस्तान के हिस्सों में भी बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो सकता है। भारत ने यह कदम मानवीय आधार पर उठाया है।
लगातार भेजे गए अलर्ट
सूत्रों के अनुसार, पहला अलर्ट सोमवार को भेजा गया था, जिसके बाद मंगलवार और बुधवार को भी नई चेतावनियां दी गईं। अलर्ट में साफ कहा गया कि तवी नदी में बाढ़ की “उच्च संभावना” बनी हुई है। यह नदी हिमालय से निकलकर जम्मू से होकर गुजरती है और पाकिस्तान में जाकर चेनाब से मिलती है। भारी बारिश के चलते कई जलाशयों के गेट खोलने पड़े, जिससे जलस्तर और अधिक बढ़ गया है।
सिंधु जल संधि के बावजूद भारत का मानवीय रुख
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी, जिसके तहत दोनों देश नदियों से जुड़े आंकड़े साझा करते रहे हैं। हालांकि, इस साल अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने नियमित हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करना रोक दिया था। इसके बावजूद, इस बार भारत ने चेतावनी भेजकर पाकिस्तान को संभावित जनहानि और संपत्ति के नुकसान से आगाह किया है।
पंजाब और जम्मू में नदियां उफान पर
पंजाब में सतलुज, ब्यास और रावी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई छोटे नाले भी उफान पर हैं। इसी तरह जम्मू क्षेत्र में लगातार बारिश ने जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है। हालात संभालने के लिए प्रशासन को बांधों के गेट खोलने पड़े। अधिकारियों का कहना है कि यदि पानी रोका जाता तो बड़े हादसों की संभावना और बढ़ जाती।
मानवीय दृष्टिकोण से उठाया कदम
भारत ने स्पष्ट किया है कि यह चेतावनी केवल मानवीय आधार पर जारी की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बारिश का दौर आगे भी जारी रहा तो हालात और गंभीर हो सकते हैं। भारत का यह कदम सीमा पार आपदा प्रबंधन सहयोग की मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।