मुजफ्फरनगर। पौराणिक तीर्थ स्थल शुकतीर्थ हनुमत धाम में रविवार को हिन्दू संघर्ष समिति द्वारा सनातन धर्म संसद का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश भर से कई महामंडलेश्वर, पीठाधीश्वर और संत महापुरुष शामिल हुए। इस दौरान देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाने की मांग जोर-शोर से उठाई गई।
संसद में कुल 12 प्रस्ताव पारित किए गए, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा जाएगा।
संतों का संदेश और चिंता
महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी महाराज ने कहा कि विश्व की निगाह भारत पर टिकी है और शांति केवल सनातन धर्म के मार्ग से ही संभव है। उन्होंने देश में हिन्दुओं पर बढ़ते हमलों और अल्पसंख्यक स्थिति वाले क्षेत्रों पर चिंता जताई। उनका कहना था कि किसी एक हिन्दू पर हमला सभी हिन्दुओं के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
उन्होंने हरिद्वार में हुए धर्म संसद के बाद साधु-संतों पर दर्ज मुकदमों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह वही सरकार कर रही है जिसे हिन्दू हितेषी बताया जाता है।
महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हिन्दू जातियों में विभाजन बढ़ रहा है और हिन्दुओं को अपने स्वाभिमान और परंपराओं की रक्षा करनी होगी। वहीं, स्वामी विवेकानंद महाराज ने देश में घुसपैठ के मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि गौ माता की रक्षा और घर-आंगन में तुलसी व गाय होना आवश्यक है।
संसद में प्रमुख आयोजन और सम्मान
इस अवसर पर हिन्दू संघर्ष समिति के नरेंद्र पंवार और सत्य प्रकाश रेशु ने जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल और राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल को संसदीय चित्र भेंट किए। इसके अलावा विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों को भी चित्र प्रदान किए गए।
संसद की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी केशवानंद सरस्वती ने की, जबकि संचालन हिन्दू संघर्ष समिति के संरक्षक अमित गुप्ता ने संभाला। आयोजन में समिति के संयोजक नरेंद्र पंवार, साध्वी पूजा, चंद्रमा ब्रह्मचारी, सत्य प्रकाश रेशु, अमित राठी, कुंवर देवराज पंवार, सुभाष चौहान और कथा वाचक अजय कृष्ण मौजूद रहे।
महामंडलेश्वर मैत्रेयी गिरी महाराज, स्वामी अनंतानंद महाराज, स्वामी विज्ञानानंद महाराज और आचार्य विष्णु महाराज ने हिन्दू जनसंख्या में गिरावट पर चिंता जताई और सनातन धर्म की रक्षा करने का संकल्प दोहराया।