भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में मिली हार के बाद व्यक्तिगत उपलब्धियों की बात पर संतुष्ट नजर नहीं आए। जब उनसे सकारात्मक पहलुओं पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने साफ कहा कि टीम लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी, ऐसे में व्यक्तिगत प्रदर्शन की बात गौण हो जाती है।
थरके जवाब में बोले – पांच शतक लगे, फिर भी मैच हारे
जब कोच से ऋषभ पंत के दो शतकों को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “तीन और शतक भी लगे थे। यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल ने भी शतक जमाए, गिल ने तो कप्तान के रूप में डेब्यू पर शतक जड़ा। केएल राहुल ने भी शतक लगाया। एक टेस्ट में पांच शतक होना बड़ी बात है, लेकिन यह सवाल और बेहतर हो सकता था।”
गंभीर ने कहा, “अगर हम मैच जीत नहीं पाए, तो व्यक्तिगत आंकड़े सिर्फ सांत्वना भर हैं। बुमराह ने जरूर पांच विकेट लिए, लेकिन हमारी शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी से अधिक योगदान अपेक्षित था। अब हमें इससे सबक लेकर आगे बढ़ना होगा।”
गेंदबाजी आक्रमण में अनुभव की कमी, फिर भी दिखा भरोसा
लीड्स टेस्ट में भारत की गेंदबाजी अनुभवहीन नजर आई, लेकिन कोच ने अपने तेज गेंदबाजों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि जसप्रीत बुमराह को छोड़कर बाकी तेज गेंदबाज अपने करियर के शुरुआती दौर में हैं और उन्हें समय देना जरूरी है।
गंभीर ने कहा, “पहले हमारे पास ऐसे गेंदबाज थे जिनके नाम 40 से अधिक टेस्ट मैचों का अनुभव था। टेस्ट क्रिकेट में, खासतौर पर इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका जैसे दौरों पर अनुभव का महत्व बहुत होता है। वनडे या टी-20 में यह उतना प्रभावी नहीं होता।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “अगर हम हर टेस्ट के बाद गेंदबाजों का आकलन शुरू कर देंगे तो एक मजबूत गेंदबाजी आक्रमण कैसे तैयार होगा? बुमराह और सिराज के अलावा अनुभव की कमी है, लेकिन बाकी खिलाड़ियों में गुणवत्ता है, तभी वे इस टीम का हिस्सा हैं।”
प्रसिद्ध और शार्दुल को लेकर दिया स्पष्ट संदेश
प्रसिद्ध कृष्णा ने भले ही विकेट झटके, लेकिन उन्होंने काफी रन भी लुटाए। इसके बावजूद गंभीर ने उनके प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा कि उनमें एक प्रभावशाली टेस्ट गेंदबाज बनने की पूरी क्षमता है। उन्होंने शार्दुल ठाकुर का भी बचाव किया, जिन्होंने सीमित ओवर फेंके।
गंभीर बोले, “कप्तान हालात के मुताबिक निर्णय लेते हैं। पहली पारी में जडेजा ने संतुलन बनाया, जिससे हमें तेज गेंदबाजों को रोटेट करने में मदद मिली। हम शार्दुल की भूमिका को जानते हैं और वही वजह है कि वह भारत के लिए खेलते हैं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शार्दुल को सिर्फ इसलिए पहले इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि वह तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने कहा, “हर खिलाड़ी की भूमिका परिस्थितियों और सामरिक जरूरतों पर निर्भर करती है।”
निचले क्रम की विफलता से चूकी भारत की जीत
भारत ने दोनों पारियों में अच्छी शुरुआत के बावजूद निचले क्रम में लड़खड़ाहट दिखाई। पहली पारी में अंतिम सात विकेट 41 रन के भीतर और दूसरी पारी में छह विकेट 31 रन में गिरने से टीम को बड़ा झटका लगा, जो अंततः हार का कारण बना।
Read News: ‘कुछ लोगों के लिए मोदी पहले…’, खरगे के बयान पर थरूर का पलटवार