बिहार के चर्चित नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह ने जेल से रिहा होते ही अपनी राजनीतिक दिशा स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से चुनावी मैदान में उतरेंगे। पचमहला गोलीकांड मामले में पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद अनंत सिंह ने यह घोषणा की।
मीडिया से बातचीत में अनंत सिंह ने नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की और कहा, “नीतीश जी ने बीते दो दशकों में विकास के हर मोर्चे पर काम किया है — चाहे वह सड़क हो, बिजली हो या पानी की व्यवस्था। अगले 25 साल भी बिहार की कमान उन्हीं के हाथ में रहेगी। विरोधियों की आदत होती है आलोचना करने की, लेकिन जनता सच्चाई जानती है।”
पचमहला गोलीकांड से जुड़ा है मामला
इस साल 22 जनवरी को पटना के मोकामा क्षेत्र के नौरंगा जलालपुर गांव में फायरिंग की एक बड़ी घटना सामने आई थी। इस मामले में अनंत सिंह और उनके विरोधी सोनू-मोनू गैंग के बीच 60 से 70 राउंड गोलीबारी की बात कही गई थी। पुलिस ने अनंत सिंह के खिलाफ हत्या की कोशिश और अवैध हथियार रखने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। तभी से वे जेल में बंद थे और अब कोर्ट से उन्हें राहत मिली है।
जेडीयू ने बनाई थी दूरी
फायरिंग की घटना के बाद जेडीयू ने अनंत सिंह से सार्वजनिक रूप से किनारा कर लिया था। मुंगेर से सांसद और जेडीयू नेता ललन सिंह ने भी तब कड़ी प्रतिक्रिया दी थी, यह कहते हुए कि जो लोग भय फैलाते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। 2020 में जब अनंत सिंह को आरजेडी से टिकट मिला था, तब भी पार्टी के भीतर से विरोध के स्वर उठे थे।
चुनावी प्रदर्शन हमेशा दमदार रहा
अगर अनंत सिंह के चुनावी इतिहास पर नजर डालें, तो 2005 और 2010 में उन्होंने जेडीयू के टिकट पर जीत दर्ज की थी। 2020 में उन्होंने आरजेडी के सिंबल पर मोकामा सीट से लगभग 35 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। जब 2022 में उनकी विधायकी चली गई, तब उनकी पत्नी ने आरजेडी के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और करीब 16 हजार वोटों से जीत दर्ज की।