बिहार की राजनीति में रविवार को एक अहम फेरबदल होने जा रहा है। लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक राम अब पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार, अशोक राम आज जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल हो सकते हैं। यह घटनाक्रम कांग्रेस के लिए एक गंभीर राजनीतिक झटका माना जा रहा है।
विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में राजनीतिक दलों में उठापटक शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक, अशोक राम कांग्रेस में हालिया घटनाक्रम और नेतृत्व के रवैये से नाराज चल रहे थे। वह राज्य में पार्टी का प्रमुख दलित चेहरा माने जाते थे और छह बार विधायक रह चुके हैं। साथ ही वे कांग्रेस विधायक दल के नेता और राबड़ी देवी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं।
राजनीतिक विरासत से आते हैं अशोक राम
अशोक राम का संबंध एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से है। उनके पिता बालेश्वर राम सात बार विधायक रह चुके हैं और केंद्र सरकार में मंत्री के तौर पर भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। इंदिरा गांधी की कैबिनेट में उन्होंने राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया था।
कांग्रेस नेतृत्व से नाराजगी की वजह
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अशोक राम पार्टी में लगातार उपेक्षा महसूस कर रहे थे। खासकर कृष्णा अल्लावरू को बिहार कांग्रेस का प्रभारी बनाए जाने और प्रदेश अध्यक्ष पद की अनदेखी को लेकर वे असंतुष्ट थे। जिस समाज से अशोक राम आते हैं, उसी समुदाय के राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनकी नाराजगी और बढ़ गई। इसके अलावा, हाल के दिनों में उन्हें पार्टी गतिविधियों से दूर रखा गया, जिससे वे खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे थे।
इन परिस्थितियों में उन्होंने जेडीयू में नई राजनीतिक संभावनाएं तलाशने का निर्णय लिया है। आज उनके औपचारिक रूप से जेडीयू में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।