लालू-नीतीश ही बिहार की बर्बादी का कारण: प्रशांत किशोर

दो अक्टूबर 2022 को हमने जन सुराज अभियान की घोषणा की थी और अब दो अक्टूबर 2024 को पार्टी का विधिवत गठन होगा। मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं होगी, केवल पार्टी का रणनीतिकार रहूंगा। यह घोषणा जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को सुपौल के विलियम्स मैदान में प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। पीके ने कहा कि अगले साल मार्च से जुलाई के बीच हम बिहार के प्रत्येक पंचायत को विकसित करने का रोडमैप लोगों के सामने रखेंगे। लेकिन जिन मुफ्तखोरों को बिना काम किए एक-दूसरे का खौफ दिखा कर लोगों का वोट लेने की आदत है, वहीं लोग मुझे बी टीम बताते हैं। मैं जनता का बी टीम हूं और उन्हें ए टीम बना कर ही दम लूंगा।

पीके ने कहा कि बीते 30 साल में बिहार को बर्बाद कर दिया गया और इसके जिम्मेवार सीधे तौर पर लालू-नीतीश हैं। लेकिन, इससे भी बड़ी जिम्मेवार भाजपा और कांग्रेस की है, जिन्होंने केंद्र की सत्ता में बिहार के कुछ सांसदों का समर्थन पाने के लिए बिहार और बिहार के बच्चों का सौदा कर लिया। 1995 और उसके बाद लालू यादव को दोबारा पूर्ण बहुमत नहीं मिली, लेकिन मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमंत्री को भी बिहार का जंगलराज और बदहाली नहीं दिखा। वही भाजपा भी अन्य राज्यों में पार्टी को तोड़ कर और विधायक खरीद कर सत्ता हासिल करने वाली भाजपा भी बिहार में 80 सीट के बाद भी शांत बैठी है। नीतीश कुमार से भी बड़े पलटीमार तो ये लोग हैं।

तेजस्वी का आभार कि उन्होंने फर्जी डिग्री नहीं खरीदी
तेजस्वी के आभार यात्रा से जुड़े एक प्रश्न पर पीके ने कहा कि उन्हें तो आभार जताना ही चाहिए। एक नवमी फेल, जिसको कुछ ज्ञान नहीं है, और जिसके माता-पिता की सरकार ने बिहार को 15 साल तक जंगलराज में रखा, उसे भी अगर जनता ने उप मुख्यमंत्री बना दिया तो आभार तो बनता है। आपको कोई जूते मार कर नहीं भागता है, यह बिहार में ही संभव है। कहा कि तेजस्वी खुले मंच से कहते हैं कि माता-पिता सीएम थे, चाहता तो फर्जी डिग्री खरीद लेता। आपने फर्जी डिग्री नहीं खरीदा, इसके लिए आभार। लेकिन 10वीं पास कर लीजिए, मैं नवमी फेल कहना छोड़ दूंगा।

लेटरल एंट्री वालों ने ही लाए बड़े बदलाव
पीके ने एक सवाल के जवाब में कहा कि एक ही आईएएस अधिकारी अलग अलग विभाग में पदस्थापित होता है और उस विभाग का विशेषज्ञ मान लिया जाता है। यह कैसे संभव हो सकता है। राज्य और देश के शीर्ष पदों पर लेटरल एंट्री से विशेषज्ञ की नियुक्ति होनी ही चाहिए। परमाणु शोध, टेलीकॉम, ग्रीन एनर्जी, आधार कार्ड सहित जितने भी बड़े बदलाव हुए, वह किसी आईएएस ने नहीं, लेटरल एंट्री वालों ने ही किया।

चुनाव आयोग की विश्वसनीयता टूटी, कुछ तो वजह होगी
पीके ने कहा कि वर्तमान की केंद्र सरकार द्वारा बार बार चुनाव आयोग के कार्यों में हस्तक्षेप के आरोप लगते रहे हैं। आयोग केंद्र के इशारे पर चलती है, वरना बिना वजह आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े नहीं हो रहे हैं।

सरकार बनी तो पहले कुछ मिनटों में ही वापस लेंगे शराबबंदी
पीके ने कहा कि राज्य सरकार ने बिना किसी तैयारी के जमीन सर्वे शुरू कर दिया, जो आने वाले दिनों में 60 फीसदी से ज्यादा जमीनों को विवादित बना देगा। यह इनकी ताबूत का आखिरी कील साबित होगा। वही शराबबंदी जैसे अवैध कानून की वजह से बिहार को 20 हजार करोड़ का घाटा हो रहा है। गरीब और पिछड़े लोग जेल में हैं या केस लड़ रहे हैं। जबकि पैसे वाले लोग, भ्रष्ट अधिकारी और नेता के जेब में यह पैसा पहुंच रहा है। अगर हमारी सरकार बनी तो पहले कुछ मिनटों में ही हम इस कानून को वापस लेंगे।

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