नीतीश सरकार का शिक्षकों को तोहफा, नियुक्तियों में डोमिसाइल को मिलेगी प्राथमिकता

चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। लंबे समय से चली आ रही डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को अब राज्य सरकार ने मान लिया है। बुधवार को मुख्यमंत्री ने इस संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए उनकी सरकार लगातार प्रयासरत है और इसी कड़ी में शिक्षकों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि शिक्षक बहाली प्रक्रिया में बिहार के स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता देने के लिए संबंधित नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएं। यह संशोधित नियम आगामी TRE-4 परीक्षा से ही लागू होंगे। इसके अलावा वर्ष 2026 में प्रस्तावित TRE-5 परीक्षा से पहले STET आयोजित करने का भी आदेश दिया गया है।

पैदल मार्च के बाद मिली राहत

गौरतलब है कि डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर एक अगस्त को बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने राजधानी पटना में मार्च निकाला था। छात्र नेता दिलीप कुमार के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा के रूप में निकले छात्रों ने मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया, लेकिन जेपी गोलंबर के पास पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया गया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और डोमिसाइल नीति को बिहार के छात्रों का हक बताया।

छात्र नेताओं का कहना था कि देश के कई राज्यों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डोमिसाइल नीति लागू है, जिससे वहां के स्थानीय अभ्यर्थियों को फायदा मिलता है। जबकि बिहार के छात्रों को दूसरे राज्यों में नौकरी पाने में लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्योंकि कुछ राज्यों की परीक्षाओं का सिलेबस और प्रश्न पैटर्न स्थानीय जानकारी पर आधारित होता है।

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