बिहार विधानसभा चुनाव भले ही साल के अंत में होने हैं, लेकिन राज्य की राजनीति पहले ही तेज हो गई है। राजनीतिक रणनीतिकार और जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने जेडीयू और बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जेडीयू पूरी तरह से कुछ ही नेताओं के कब्जे में है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि पार्टी को केवल चार-पांच लोग नियंत्रित कर रहे हैं और आम जनता में इन नेताओं की कोई खास पैठ नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें इस बात पर लीगल नोटिस भेजने की धमकी मिलती है, लेकिन वह इससे डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने खुलासा किया कि जेडीयू में पार्टी की कमान ऐसे नेताओं के पास है जो अपने ही जिला अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं को नहीं पहचानते। प्रशांत किशोर ने बिहार की अफसरशाही पर भी कटाक्ष किया और कहा कि यहाँ अधिकारियों का जंगलराज कायम है।
इसके अलावा, उन्होंने अशोक चौधरी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सदानंद सिंह के बारे में भी एक दिलचस्प बयान दिया, जिसमें बताया कि वे लालू यादव से बातचीत के लिए जाते थे, लेकिन उन्हें सम्मान नहीं मिलता था।
प्रशांत किशोर के इन बयानों के बाद बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है और सवाल उठने लगे हैं कि क्या आरजेडी अंदरूनी संकट से जूझ रही है या यह सिर्फ राजनीतिक चर्चा का हिस्सा है।