बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया अंतरिम आदेश पर आरजेडी नेता और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया। उन्होंने कहा कि SIR को लेकर विपक्षी दलों ने सदन, संसद और सड़क पर लगातार संघर्ष किया और सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने उनकी मांग को मान्यता दी।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को छुपाने का प्रयास किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में आयोग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि आधार कार्ड लेना अनिवार्य है, 65 लाख कटे हुए नामों की सूची बूथ वाइज प्रकाशित की जाए और कारण बताएं कि कौन मृतक है और कौन ट्रेसेबल नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जिन लोगों का नाम हटाया गया है उन्हें व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाए।
उन्होंने कहा कि बिहार के मतदाता और लोकतंत्र की यह बड़ी जीत है। तेजस्वी यादव ने बताया कि उनके विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के प्रभावित लोगों की सूची उन्होंने दिल्ली भेजी थी, जिसे राहुल गांधी और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया गया।
तेजस्वी यादव ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर 27 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी और 9 जुलाई को बिहार बंद के दौरान व्यापक समर्थन जुटाया गया। उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों के नेताओं, सांसदों और ईमानदार पत्रकारों ने इस लड़ाई में योगदान दिया। उन्होंने विशेष रूप से सोनिया गांधी, राहुल गांधी, गुलाम नबी आज़ाद, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, योगेंद्र यादव और उनकी टीम का धन्यवाद किया।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि लोकतंत्र, संविधान और वोट बचाने की लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि चुनाव आयोग और अन्य अधिकारी जो गलत काम करने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी पोल अब खुलेगी। उन्होंने SIR पर घुसपैठियों और गलत सूचनाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया और कहा कि बिहार के वोटर को कोई भी भ्रमित नहीं कर पाएगा।