बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। सारण जिले के परसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से हाजीपुर जाने वाली सरकारी एंबुलेंस में कथित तौर पर मरीज को निजी अस्पताल में शिफ्ट करने का प्रयास किया गया।

जानकारी के अनुसार, परसा थाना क्षेत्र के बनकेरवा निवासी कुंदन कुमार की 20 वर्षीय पत्नी रविना कुमारी प्रसव पीड़ा के बाद परसा पीएचसी में भर्ती थीं। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें रविवार देर रात करीब 11 बजे हाजीपुर सदर अस्पताल रेफर किया।

परिवार का आरोप है कि रास्ते में एंबुलेंस कर्मियों ने मरीज को किसी प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी, जिसका विरोध परिजनों ने किया। एंबुलेंस में एक आशा कार्यकर्ता केशरी देवी और परिवार की एक महिला सदस्य मौजूद थीं।

हाजीपुर सदर अस्पताल के गेट पर पहुंचते ही एंबुलेंस रोककर मरीज को प्राइवेट वाहन में शिफ्ट करने की कोशिश की गई। इस दौरान मीडिया और परिवार के अन्य सदस्य पहुंचे, जिसके बाद कथित दलाल और एंबुलेंस कर्मी मौके से भाग गए। मरीज को अंततः सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती कराया गया।

बताया गया कि घटना में इस्तेमाल सरकारी एंबुलेंस का नंबर BR01PR5978 है। घटना के बाद स्वास्थ्य सेवा और एंबुलेंस प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे हैं।

स्थानीय लोग आरोप लगाते हैं कि पहले औचक निरीक्षण और सख्ती के चलते अस्पताल कर्मियों में कुछ डर था, लेकिन अब गरीब मरीजों को इलाज के नाम पर दलालों के हवाले कर दिया जा रहा है और उनसे वसूली की जा रही है। परसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है और लिखित शिकायत मिलने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।