प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने छत्तीसगढ़ को बड़ी सौगात दी है। सरकार ने रेलवे की चार अहम मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को स्वीकृति दी है, जिनकी कुल अनुमानित लागत करीब 18,658 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं से छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और ओडिशा के 15 जिलों को जोड़ते हुए रेलवे नेटवर्क में 1247 किलोमीटर का विस्तार होगा।
छत्तीसगढ़ के लिए विशेष रूप से स्वीकृत ‘खरसिया-नया रायपुर- परमलकसा 5वीं एवं 6वीं लाइन’ परियोजना से राज्य के औद्योगिक नक्शे में ऐतिहासिक परिवर्तन की संभावनाएं बनेंगी। यह परियोजना बलौदा बाजार जैसे क्षेत्रों को सीधी रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे सीमेंट संयंत्रों, इस्पात इकाइयों और अन्य औद्योगिक निवेश के लिए आधारभूत संरचना तैयार होगी। यह मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी सामग्रियों के परिवहन में क्रांतिकारी सुधार लाएगा। इससे माल ढुलाई की लागत घटेगी, संचालन की गति बढ़ेगी और उद्योगों को निर्बाध सप्लाई चेन मिलेगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को मिली यह ऐतिहासिक रेल परियोजना आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है। खरसिया-नया रायपुर- परमलकसा लाइन से बलौदा बाजार और आस-पास के क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है, जिससे यहाँ के युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए द्वार खुलेंगे। यह परियोजना छत्तीसगढ़ में नया अध्याय लिखेगी, जिससे न केवल कोयला, सीमेंट और लौह अयस्क जैसे क्षेत्रों में उत्पादन और परिवहन को गति मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक सशक्तिकरण भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं कि उन्होंने छत्तीसगढ़ की आवश्यकता और क्षमता को पहचान कर रेल परियोजनाओं के माध्यम से राज्य को ‘विकास के फास्ट ट्रैक’ पर लाने का काम किया है।
खरसिया से परमलकसा तक 5वीं और 6वीं नई रेल लाइन बिछाने के लिए ₹8,741 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति मिल गई है, जिससे छत्तीसगढ़ को लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक गतिविधियों के क्षेत्र में बड़ी बढ़त मिलेगी।
कुल लंबाई: 278 किमी लंबा रेलमार्ग, 615 किमी ट्रैक की लंबाई
स्टेशनों की संख्या: 21
पुल और फ्लाईओवर: 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी, 5 रेल फ्लाईओवर
ट्रैफिक क्षमता: 21 से 38 मिलियन टन कार्गो, 8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें
ईंधन और पर्यावरण संरक्षण: 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत प्रतिवर्ष
लॉजिस्टिक्स लागत में भारी कमी
सड़क परिवहन की तुलना में प्रतिवर्ष ₹2,520 करोड़ की बचत
इन जिलों को मिलेगा लाभ
रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाज़ार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव।
राज्य की प्रगति का नया युग
इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में तीव्र गति आएगी। यह पहल पर्यावरणीय स्थिरता और ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को नया आयाम देगी।