दिल्ली में लगातार बढ़ती गर्मी के बीच बिजली की खपत में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है। सोमवार को राजधानी में बिजली की पीक डिमांड 7401 मेगावाट तक पहुंच गई, जो अब तक की इस सीजन की सबसे अधिक मांग रही। एक दिन पहले रविवार को यह मांग 7265 मेगावाट दर्ज की गई थी। तापमान बढ़ने के साथ लोग बड़े पैमाने पर कूलर, पंखा और एसी जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे खपत तेजी से बढ़ रही है।
बिजली वितरण कंपनियों ने संभाला मोर्चा
दक्षिण और पश्चिम दिल्ली में बिजली देने वाली बीआरपीएल के क्षेत्र में मांग 3285 मेगावाट तक पहुंची, जबकि पूर्वी व मध्य दिल्ली में सप्लाई देने वाली बीवाईपीएल के अंतर्गत 1559 मेगावाट की डिमांड दर्ज की गई। टाटा पावर डीडीएल के क्षेत्र में भी यह आंकड़ा 2178 मेगावाट तक जा पहुंचा। बिजली कंपनियों का दावा है कि इस बार पावर सप्लाई में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी। कंपनियों ने राज्यों के साथ पावर बैंकिंग और दीर्घकालिक समझौते किए हैं, और बिजली नेटवर्क को भी मजबूत किया गया है। साथ ही, मांग का सटीक अनुमान लगाने के लिए आधुनिक तकनीकों और मॉडल्स का सहारा लिया जा रहा है। अनुमान है कि गर्मी के चरम पर बिजली की मांग 9000 मेगावाट तक जा सकती है।
दिल्ली में हीट इंडेक्स 48 डिग्री पार, लोग बेहाल
मंगलवार को दिल्ली में गर्मी और नमी के कारण हीट इंडेक्स 48 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया। हालांकि वास्तविक तापमान इससे कम था, लेकिन गर्म हवाओं और उमस ने लोगों को बेहद असहज कर दिया। राजधानी का अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से 1.4 डिग्री अधिक था। कुछ क्षेत्रों में पारा 42 डिग्री को भी पार कर गया। हवा में नमी का स्तर 70 फीसदी तक रहा, जिससे लोग दिन के साथ-साथ रात में भी पसीने से परेशान दिखे।
जल्द राहत मिलने की संभावना
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार से एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है, जिससे एनसीआर क्षेत्र में अगले कुछ दिनों तक आंशिक बादल, तेज हवाएं और हल्की बारिश की संभावना है। इससे तापमान में थोड़ी गिरावट देखने को मिलेगी और लू से फिलहाल राहत मिल सकती है। 22 मई तक दिल्ली और आसपास के इलाकों में मौसम में बदलाव बना रहेगा। बारिश के दौरान हवाओं की रफ्तार 30 से 40 किमी प्रतिघंटा रह सकती है, जो कुछ समय के लिए 50 किमी/घंटा तक भी जा सकती है। अधिकतम तापमान घटकर 38 से 39 डिग्री के बीच रहने की संभावना है।