दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है। हालांकि, सीबीआई के भ्रष्टाचार मामले में उनकी न्यायिक हिरासत जारी रहेगी और फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा।

स्पेशल जज संजय जिंदल ने सेक्शन 436A सीआरपीसी के तहत जेम्स को रिहा करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने जेल अधिकारियों को आदेश दिया कि यदि जेम्स किसी अन्य मामले में हिरासत में नहीं हैं, तो उन्हें रिहा कर दिया जाए। जेम्स ने रिहाई की मांग इस आधार पर की थी कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी हिरासत की अधिकतम अवधि सात साल पूरी हो चुकी है।

उल्लेखनीय है कि जेम्स को सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट से पहले ही सीबीआई और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जमानत मिल चुकी है। दोनों मामलों में पांच लाख रुपये के जमानत बांड जमा करने और पासपोर्ट सरेंडर करने की शर्तें लगी थीं। हालांकि, उन्होंने अभी तक जमानत बांड जमा नहीं किया है और हिरासत के दौरान उनका पासपोर्ट भी एक्सपायर हो गया था।

क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को चार दिसंबर 2018 को दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। भारत आने के बाद उन्हें सीबीआई ने गिरफ्तार किया और 22 दिसंबर 2018 को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में हिरासत में लिया। यह मामला वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील से जुड़ा है, जिसकी कीमत लगभग 3,600 करोड़ रुपये थी।

आरोप है कि डील में सप्लायर को फायदा पहुँचाने के लिए हेलीकॉप्टर की उड़ान ऊँचाई की शर्तों में बदलाव किया गया और लगभग 200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। इस मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी भी आरोपी हैं। सीबीआई ने 2013 में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था, जबकि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया।