दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्नातक डिग्री से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसमें सीआईसी के आदेश को चुनौती दी गई थी। दिल्ली विश्वविद्यालय ने 27 फरवरी को अपना निर्णय सुरक्षित रखा था।
बताया जाता है कि यह मामला नीरज नामक व्यक्ति द्वारा दायर आरटीआई आवेदन से जुड़ा था। सीआईसी ने 21 दिसंबर 2016 को 1978 में बीए परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी छात्रों के अभिलेखों के निरीक्षण की अनुमति दी थी, उसी वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह परीक्षा पास की थी।