दिल्ली हाईकोर्ट को ईमेल से बम धमकी, परिसर से नहीं मिला विस्फोटक

दिल्ली उच्च न्यायालय को 12 सितंबर को एक ईमेल के जरिये बम विस्फोट की धमकी दी गई। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और मेल भेजने वाले स्रोत की जांच शुरू कर दी है। पिछले वर्ष फरवरी के बाद यह दूसरी बार है जब दिल्ली हाईकोर्ट को बम धमकी देकर दहशत फैलाने का प्रयास किया गया। बीते डेढ़ साल में दिल्ली-एनसीआर में 500 से अधिक संस्थानों को इसी तरह की धमकियां मिल चुकी हैं, जिन्हें पुलिस ने हर बार फर्जी करार दिया।

शुक्रवार सुबह 8:39 बजे भेजा गया यह ईमेल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अरुण भारद्वाज सहित अन्य अधिकारियों को करीब 10:41 बजे प्राप्त हुआ। मेल में दावा किया गया था कि कोर्ट परिसर और जजों के चैंबर में तीन बम लगाए गए हैं, जिन्हें दोपहर 2 बजे तक विस्फोट कर दिया जाएगा।

धमकी मिलते ही कोर्ट में चल रही कार्यवाही रोक दी गई। बेंच, वकील और पक्षकारों को तुरंत बाहर निकाल दिया गया। पुलिस, बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वॉड, फायर ब्रिगेड और कैट एम्बुलेंस की टीमें मौके पर पहुंचीं। करीब तीन घंटे तक चली तलाशी के दौरान कोर्ट परिसर के हर हिस्से की बारीकी से जांच की गई—पार्किंग, रिकॉर्ड रूम, जज चैंबर, कैंटीन और टॉयलेट तक को खंगाला गया। हालांकि कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इस दौरान कई बेंचों की सुनवाई प्रभावित रही।

ईमेल में गंभीर दावे

धमकी भरे मेल में पाकिस्तान और तमिलनाडु की मिलीभगत का जिक्र किया गया था। इसमें कहा गया था कि जज चैंबर में रखा बम इस्लामिक प्रार्थना के बाद फटेगा। धमकी को और भयावह बनाने के लिए अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं का इस्तेमाल किया गया। ईमेल में डॉ. शाह फैसल नामक शख्स का नाम लिया गया, जिसे आईएसआई से जोड़ा गया। साथ ही 1998 पटना ब्लास्ट जैसी घटना दोहराने और कुछ राजनीतिक नेताओं से मदद मिलने की बात कही गई। हालांकि नई दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार महला ने स्पष्ट किया कि जांच में यह ईमेल फर्जी साबित हुआ और इसका हालिया स्कूल धमकी मेल से कोई संबंध नहीं है।

अदालतों को पहले भी मिली फर्जी धमकियां

  • 15 फरवरी 2024: दिल्ली हाईकोर्ट में बम धमाके की धमकी दी गई थी, जिसे जांच के बाद अफवाह बताया गया।
  • 16 अप्रैल 2025: द्वारका जिला अदालत में बम होने की सूचना मिली, जिसके बाद पूरा परिसर खाली कराया गया और तलाशी हुई।
  • 1 मई 2025: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर संसाधनों व सुरक्षा इंतज़ाम पर पूरी जानकारी मांगी थी।

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