राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। शनिवार सुबह शहर की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे के साथ हुई, वहीं कई इलाकों में आसमान पर स्मॉग की घनी परत साफ नजर आई। जहरीली हवा के कारण दृश्यता घट गई और सड़कों पर निकलने वाले लोग मास्क लगाए दिखाई दिए। खासकर दमा और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के पार दर्ज किया गया, जो हवा के गंभीर श्रेणी में होने का संकेत है।

सुबह के समय एम्स क्षेत्र में दृश्यता बेहद कम रही और स्मॉग के चलते स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ीं। इसी तरह आनंद विहार इलाके में एक्यूआई 434 रिकॉर्ड किया गया, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने गंभीर श्रेणी में रखा है। आईटीओ क्षेत्र भी स्मॉग की मोटी चादर में लिपटा रहा, जहां एक्यूआई 417 दर्ज किया गया। अक्षरधाम के आसपास यह आंकड़ा 419 तक पहुंच गया। संसद मार्ग क्षेत्र में भी हालात बेहतर नहीं रहे, यहां एक्यूआई 356 रहा, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है।

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है। इस समिति में शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य क्षेत्र और ऑटोमोटिव अनुसंधान से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो वाहन उत्सर्जन कम करने के लिए प्रभावी और बहुआयामी कार्ययोजना सुझाएंगे।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनुमान है कि रविवार और सोमवार को भी हवा की स्थिति बेहद खराब बनी रह सकती है। ऐसे में सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ने के साथ ही आम लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शनिवार को भी राजधानी के कई इलाकों में हवा गंभीर और बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई।