दिल्ली में दिवाली की रात वायु गुणवत्ता में गंभीर गिरावट दर्ज की गई। सोमवार रात राजधानी के 38 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 36 रेड जोन में पहुंचे, जो अत्यंत खराब से गंभीर श्रेणी में आते हैं। रात 10 बजे दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 344 रहा। मंगलवार को भी प्रदूषित हवा में लोगों ने सांस ली।

वायु प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली सरकार के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। आप नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कृत्रिम वर्षा क्यों नहीं कराई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पटाखा लॉबी के साथ दिल्ली सरकार की सांठगांठ है, अन्यथा प्रतिबंधित पटाखे पुलिस की मौजूदगी में नहीं बिकते।

आप नेता गोपाल राय ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच गया, लेकिन भाजपा सरकार हाथ पर हाथ रखकर बैठी है। उन्होंने सवाल उठाया कि दिवाली की रात का AQI डेटा गायब क्यों है।

दिल्ली सरकार ने पलटवार किया। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि आप पार्टी जानबूझकर दिवाली और हिंदू धर्म को विवाद में ला रही है। उन्होंने कहा कि क्लाउड सीडिंग केवल तब की जा सकती है जब बादल हों, और इस साल दिवाली के बाद AQI केवल 11 अंकों की बढ़ोतरी के साथ 356 पहुंचा, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम है।

सिरसा ने बताया कि 2023 में दिवाली के दिन AQI 218 था और अगली सुबह 301 तक बढ़ा। 2024 में दिवाली वाले दिन AQI 328 और अगले दिन 360 पहुंचा। 2025 में पटाखे जलाने के बावजूद बढ़ोतरी महज 11 अंक रही, जिससे यह साबित होता है कि प्रदूषण नियंत्रण में सुधार हुआ है।

यह घटना प्रदूषण और त्योहार के बीच संतुलन को लेकर जारी सियासी बहस को और गर्मा देती है।