नई दिल्ली। इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी मंगलवार को दिल्ली पहुंचे, जहाँ कांग्रेस सांसदों ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। मीडिया से बातचीत में रेड्डी ने कहा कि वे खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि गठबंधन ने उन्हें इस पद के लिए चुना है। उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा के लिए उनके पक्ष में मतदान करें।
रेड्डी का बयान
रेड्डी ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव का फैसला केवल सांसद करते हैं। राजनीतिक दल उम्मीदवारों का नाम आगे बढ़ा सकते हैं, लेकिन अंतिम निर्णय संसद के सदस्यों का ही होता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस चुनाव में क्षेत्रीय पहचान का कोई महत्व नहीं है—उम्मीदवार चाहे उत्तर, दक्षिण, पूरब या पश्चिम से हो, मूल पहचान केवल भारतीय नागरिकता है।
रेड्डी ने सांसदों से अपील की कि वे पार्टी लाइन से ऊपर उठकर लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थाओं की प्रतिष्ठा को ध्यान में रखकर मतदान करें। उनके अनुसार, यह चुनाव सिर्फ एक पद पाने का प्रयास नहीं बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक ढांचे को मज़बूत बनाने की परीक्षा है।
स्वागत और समर्थन
दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला, सैयद नासिर हुसैन, मल्लू रवि और प्रमोद तिवारी मौजूद रहे। नेताओं ने रेड्डी की उम्मीदवारी को लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती का प्रतीक बताया। राजीव शुक्ला ने कहा कि रेड्डी का अनुभव संसद की गरिमा बढ़ाएगा, वहीं प्रमोद तिवारी ने विश्वास जताया कि विपक्षी दलों के सांसद भी उनका समर्थन करेंगे।
कौन हैं बी. सुदर्शन रेड्डी?
बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं और न्यायपालिका में उनकी छवि एक ईमानदार और सिद्धांतनिष्ठ जज की रही है। इंडिया गठबंधन ने उन्हें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाकर अपने राजनीतिक संदेश को और मज़बूत किया है।