नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दाखिल अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) को अदालत ने तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया है। हालांकि, ईडी (एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट) इसे केवल अस्थायी झटका मान रही है और मामले को मजबूत बनाने के लिए नई चार्जशीट दाखिल करने की योजना बना रही है।
ईडी के अनुसार अदालत ने चार्जशीट के तथ्यों या सबूतों पर कोई सवाल नहीं उठाया है। यह मामला सुब्रह्मण्यम स्वामी की शिकायत पर आधारित है, जो 2013 में पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज की गई थी। उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले के संज्ञान पर मुहर लगाई थी। बावजूद इसके, पिछले 12 वर्षों में जिरह या गवाहों के बयान दर्ज नहीं हो पाए हैं।
अभियोजन का मूल आरोप यह है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड की लगभग 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर आपराधिक साजिश के तहत नियंत्रण किया। वहीं, ईडी की 2017-18 की जांच में नेशनल हेराल्ड में लगभग 80 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग के प्रमाण मिले थे। ईडी ने दिल्ली पुलिस से इस पहलू की विस्तृत जांच करने को कहा है और अदालत ने इस पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
दिल्ली पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की है और जांच जारी है। एसोसिएट जर्नल लिमिटेड के शेयरहोल्डरों से पूछताछ की जा रही है। यह कंपनी नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज का प्रकाशन करती थी। शुरुआती हिस्सेदारों में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू और वकील प्रशांत भूषण के परिवार भी शामिल हैं। ईडी का आरोप है कि यंग इंडिया में 38-38 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बिना अन्य हिस्सेदारों की सहमति के स्थानांतरित किए गए।
ईडी का कहना है कि दिल्ली पुलिस की जांच पूरी होने और चार्जशीट दाखिल होने के बाद, वह मौजूदा चार्जशीट को नई फाइलिंग के रूप में अदालत में पेश करेगी। फिलहाल, तकनीकी आधार पर खारिज को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दायर करने की तैयारी की जा रही है। ईडी विभिन्न अदालतों के फैसलों का हवाला देते हुए इसे मनी लांड्रिंग का मजबूत मामला मान रही है।