दिल्ली के यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में तेंदुआ दिखाई देने के बाद से स्थानीय ग्रामीणों और वन विभाग की चिंता बढ़ गई है। रविवार रात एक किसान के खेत में लगे कैमरे में तेंदुआ कैद हुआ, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बावजूद उसे पकड़ने में सफलता नहीं मिल सकी है। यह इलाका जगतपुरी गांव से सटा हुआ है, जहां किसान खेतों की रखवाली के लिए निगरानी उपकरण लगाते हैं। उसी दौरान तेंदुए की तस्वीर सामने आई, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है।
करीब 545 एकड़ में फैले पार्क में गश्त कर रहे गार्ड अब अकेले निकलने से घबरा रहे हैं। खेतों में जाने वाले किसान अब लाठी लेकर और समूह में जा रहे हैं। वन विभाग की टीमें लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं, लेकिन अब तक तेंदुए की मौजूदगी के संकेत केवल तस्वीर और पैरों के निशान तक सीमित हैं।
सावधानी से चल रहा तलाशी अभियान
वन विभाग की टीमों ने मोटरसाइकिलों के जरिए पूरे पार्क में सघन तलाशी ली, मगर अब तक कोई ताज़ा सुराग नहीं मिल सका। पार्क के गार्ड्स ने बताया कि दिन में वे दो-दो के समूह में और रात को चार-चार की टीम में गश्त कर रहे हैं, हालांकि घने इलाकों में जाने से परहेज कर रहे हैं।
पहले भी दिख चुका है तेंदुआ
यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में तेंदुए के देखे जाने की खबर आई हो। लगभग छह महीने पहले भी ग्रामीणों ने तेंदुआ दिखने का दावा किया था। इस बार किसान महफूज अली ने सबूत के तौर पर पेड़ पर कैमरा लगाकर निगरानी की और रविवार रात उसमें तेंदुए की स्पष्ट तस्वीर कैद हो गई। सूचना मिलते ही वन विभाग सक्रिय हुआ और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।
पार्क में तेंदुए की मौजूदगी की आशंका
यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क के वैज्ञानिकों का कहना है कि तेंदुआ संभवतः रिवर बेल्ट के ज़रिए इस क्षेत्र तक पहुंचा है। 545 एकड़ क्षेत्र में फैले इस पार्क में उसे ढूंढना एक बड़ी चुनौती है। तलाश तेज़ करने के लिए अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं और टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।
बारिश से मिट गए सुराग
रविवार को तेंदुए के ताजे पंजों के निशान मिले थे, लेकिन अचानक हुई बारिश के चलते वे मिट गए। इससे वन विभाग के लिए रेस्क्यू अभियान और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। हालांकि विभाग ने जल्द तेंदुए को सुरक्षित पकड़ लेने का भरोसा जताया है।
ग्रामीणों में भय, चरवाहों ने छोड़ा इलाका
तेंदुए की मौजूदगी की खबर फैलने के बाद इलाके में भय का माहौल है। किसान अपनी ज़रूरत के चलते खेतों में जा रहे हैं, लेकिन अन्य ग्रामीण, खासकर पशुपालक, उस दिशा में जाने से बच रहे हैं। पार्क के आसपास का क्षेत्र इन दिनों लगभग सुनसान हो चुका है।
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