नई दिल्ली। राजधानी में सर्दियों के आगमन के साथ ही प्रदूषण से निपटने की तैयारी तेज हो गई है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने आदेश दिया है कि छह या उससे अधिक मंजिला सभी व्यावसायिक इमारतों जैसे मॉल, होटल, ऑफिस और शैक्षणिक संस्थानों पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा।
गौरतलब है कि यह नियम इस साल 29 मई से लागू किया गया था, लेकिन मानसून अवधि (15 जून से 1 अक्टूबर) के दौरान छूट दी गई थी। अब पहली बार यह व्यवस्था 2 अक्टूबर से लागू होगी।
पिछले साल राजधानी की 156 ऊंची इमारतों पर एंटी स्मॉग गन लगाई गई थी। इस बार करीब 200 इमारतों को इस दायरे में लाया जा रहा है।
डीपीसीसी के मुताबिक, अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच दिल्ली में पीएम 10 का स्तर औसतन 420 और पीएम 2.5 का स्तर 271 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। इसी को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
एंटी स्मॉग गन की तकनीकी शर्तें
- नोजल से निकलने वाली पानी की बूंदें 5 से 20 माइक्रोन आकार की होंगी।
- यह पानी को 75 से 100 मीटर तक फेंक सकेगी।
- इसे सुबह 6:30–9:30, शाम 5:30–8:30 और रात 1:30–4:30 बजे तक चलाना होगा।
- केवल शुद्ध पानी का उपयोग किया जाएगा।
कितनी गन लगानी होंगी
- 10,000 वर्गमीटर बिल्टअप एरिया तक – न्यूनतम 3 गन
- 15,000 वर्गमीटर तक – न्यूनतम 4 गन
- 20,000 वर्गमीटर तक – न्यूनतम 5 गन
- 25,000 वर्गमीटर तक – न्यूनतम 6 गन
- इसके बाद हर 5,000 वर्गमीटर पर 1 अतिरिक्त गन लगानी होगी।