नई दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजीत सिंह सिरसा ने माना है कि राजधानी में वायु प्रदूषण को केवल नौ-दस महीनों में पूरी तरह से समाप्त करना किसी भी सरकार के लिए असंभव है। उन्होंने इस संदर्भ में दिल्लीवासियों से माफी भी मांगी और साथ ही यह आश्वासन दिया कि उनकी टीम दैनिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
सिरसा ने अपने बयान में अप्रत्यक्ष रूप से आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की कार्यप्रणाली पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि उनके प्रयास आम आदमी पार्टी सरकार की तुलना में अधिक प्रभावी रहे हैं और राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। उनका यह बयान दिल्ली में प्रदूषण को लेकर राजनीतिक बहस की जटिलताओं को भी उजागर करता है।
18 दिसंबर से PUC के बिना ईंधन पर प्रतिबंध
पर्यावरण मंत्री ने यह भी घोषणा की कि 18 दिसंबर से राजधानी में बिना PUC (Pollution Under Control) प्रमाणपत्र के किसी भी वाहन को पेट्रोल या डीजल नहीं मिलेगा। वाहन चालकों के पास सिर्फ आज और कल का समय शेष है। नियम उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई ट्रक निर्माण सामग्री लेकर आता पाया गया और उसका पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं है, तो वाहन को सीज कर दिया जाएगा और भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
साथ ही, दिल्ली के बाहर से आने वाले BS-6 मानक से कम वाले वाहनों पर अगले आदेश तक प्रतिबंध लागू रहेगा। अधिकारियों ने वाहन मालिकों से अपील की है कि समय रहते पीयूसी बनवा लें ताकि किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
मंत्री सिरसा का यह बयान प्रदूषण नियंत्रण की वास्तविकताओं और प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधारना एक दीर्घकालिक चुनौती है।