नई दिल्ली। बक्करवाला-मुंडका टोल टैक्स को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। इसी को लेकर शनिवार को एक महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें सरकार को 20 सितंबर तक टोल टैक्स मुक्त करने का समय दिया गया। यदि सरकार इस अवधि तक कोई घोषणा नहीं करती है, तो 21 सितंबर से ग्रामीण स्वयं टोल टैक्स हटाने के साथ अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दे रहे हैं। महापंचायत में यह स्पष्ट किया गया कि यह सिर्फ टोल टैक्स के खिलाफ आंदोलन नहीं है, बल्कि दिल्ली देहात के अधिकारों की लड़ाई भी है।
महापंचायत पालम 360 खाप के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। लोगों ने जोर देकर कहा कि टोल टैक्स किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे। सोलंकी ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने किसानों की जमीन कम कीमत पर अधिग्रहित की, और अब वर्तमान सरकार टोल टैक्स के माध्यम से ग्रामीणों पर दबाव डाल रही है।
नौ गांवों की संयुक्त पंचायत में भी इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराया गया। दिल्ली पंचायत संघ के प्रमुख थान सिंह यादव ने कहा कि नांगलोई जाट गांव हमेशा से दिल्ली की राजनीति और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहा है, और अब ग्रामीणों की आवाज फिर बुलंद हो रही है। पंचायत में पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह शौकीन, नांगलोई जाट के प्रधान रमेश शौकीन सहित कई लोग शामिल हुए।
महापंचायत में निर्णय लिया गया कि सभी गांव पंचायतें अपने स्तर पर टोल टैक्स के खिलाफ प्रस्ताव पास करेंगी। इन प्रस्तावों के आधार पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय परिवहन मंत्री तक यह मांग पहुंचाई जाएगी। पंचायत ने यह भी कहा कि भविष्य में दिल्ली देहात में बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग टोल फ्री हों, जमीन अधिग्रहण के लिए सर्कल रेट बढ़ाए जाएं और किसानों को उचित मुआवजा मिले। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों तक शहरी सुविधाओं को भी सुनिश्चित किया जाए।