गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर लाल किले में दो दिवसीय कार्यक्रम, दिल्ली सरकार की मंजूरी

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री और वरिष्ठ सिख नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी है कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को समर्पित एक ऐतिहासिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने इस पहल को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य कैबिनेट सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, “यह आयोजन न केवल दिल्ली के लिए, बल्कि सिख विरासत के सम्मान में भी एक मील का पत्थर साबित होगा।”

सिरसा ने बताया कि यह कार्यक्रम दिल्ली के लाल किले पर दो दिवसीय आयोजन के रूप में होगा, जिसमें गुरु साहिब के बलिदान को नमन किया जाएगा और उनकी शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। उनकी बाणी के पाठ और अनुवाद के माध्यम से लोग गुरु जी के सार्वभौमिक संदेश से जुड़ेंगे।

मियावाकी जंगल को गुरु तेग बहादुर को समर्पित किया जाएगा

दिल्ली के जैनपुर इलाके में विकसित हो रहे मियावाकी पद्धति पर आधारित जंगल को गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित किया जाएगा। मंत्री ने इसे सिख समुदाय की प्रकृति और सेवा के प्रति भावना का प्रतीक बताया।

दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘सिख शहादत’ पर नया कोर्स

इस कार्यक्रम के एक अहम शैक्षणिक आयाम के तहत, दिल्ली विश्वविद्यालय ने ‘भारतीय इतिहास में सिख शहादत’ नामक एक नया पाठ्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य सिख गुरुओं द्वारा स्वतंत्रता, न्याय और मानवाधिकारों की रक्षा में दिए गए योगदान को शैक्षणिक रूप से मान्यता देना है।

मंत्री सिरसा ने बताया कि पिछले माह हुई एक बैठक में इस कोर्स की अनुशंसा वरिष्ठ सिख नेताओं और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (DSGMC) के सदस्यों द्वारा की गई थी, जिसे अब साकार किया गया है।

सालभर चलेंगे शैक्षणिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम

दिल्ली सरकार इस पहल को व्यापक स्तर पर लेकर जाएगी। स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर चित्रकला प्रदर्शनी, व्याख्यान, संवाद और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इन गतिविधियों के माध्यम से युवाओं को गुरु तेग बहादुर जी की विरासत और दिल्ली की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ा जाएगा।

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