यूईआर-2 से दिल्ली में जाम कम होंगे, 40 मिनट में एयरपोर्ट पहुँचना संभव, पीएम मोदी कल करेंगे उद्घाटन

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यूईआर-2 (अर्बन एक्सटेंशन रोड-2) परियोजना को राजधानी के लिए “गेम-चेंजर” बताया। 17 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किया जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुसार, यह नया कॉरिडोर दिल्लीवासियों को जाम से राहत देगा और सिर्फ 40 मिनट में आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचाने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा कि यह रोड दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ेगा और प्रदूषण कम करने में मदद करेगा। उद्घाटन की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री रोहिणी सेक्टर-37 में अधिकारियों और पार्टी नेताओं के साथ पहुंचीं।

सिंघू बॉर्डर से एयरपोर्ट तक सफर 40 मिनट में
यूईआर-2 अलीपुर (एनएच-44) से शुरू होकर मुंडका, बक्करवाला, नजफगढ़ और द्वारका होते हुए महिपालपुर (एनएच-48) तक जाएगा। इससे सिंघू बॉर्डर से आईजीआई एयरपोर्ट तक का सफर, जो पहले लगभग दो घंटे लेता था, केवल 40 मिनट में पूरा होगा। नए कॉरिडोर से इनर और आउटर रिंग रोड पर वाहनों का दबाव कम होगा और मुकरबा चौक, मधुबन चौक, पीरागढ़ी चौक और धौला कुआं जैसे व्यस्त चौराहों पर जाम की समस्या कम होगी।

राष्ट्रीय राजमार्गों और औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ेगा कॉरिडोर
यूईआर-2 एनएच-44, एनएच-9 और एनएच-48 से जुड़कर दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। यह सोनीपत और बहादुरगढ़ के औद्योगिक क्षेत्रों को लिंक रोड से जोड़ेगा, जिससे उद्योग और माल की आवाजाही सुगम होगी। इसके अलावा, चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू-कश्मीर की यात्रा आसान होगी। दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ने के कारण लंबी दूरी की यात्रा भी तेज होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात सुगमता से ईंधन की खपत कम होगी और वायु प्रदूषण में कमी आएगी।

ऐतिहासिक उद्घाटन और आम जनता से अपील
प्रधान मंत्री मोदी उद्घाटन समारोह के दौरान रोड शो और जनसभा भी करेंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनें। उनका कहना है कि यूईआर-2 परियोजना राजधानी को जाम मुक्त, पर्यावरण के अनुकूल और आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी।

कांग्रेस का टोल टैक्स पर विरोध
दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. नरेश कुमार ने यूईआर-2 पर लगाए जाने वाले टोल टैक्स का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह दरें पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तुलना में अत्यधिक हैं। किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई, लेकिन उन्हें पर्याप्त मुआवजा नहीं मिला और वैकल्पिक प्लॉट उपलब्ध नहीं कराए गए।

डॉ. कुमार ने मांग की है कि टोल दरों में कम से कम 50 फीसदी कटौती की जाए, प्रभावित गांवों के ग्रामीणों को पूरी छूट दी जाए और किसानों को उनका उचित मुआवजा एवं वैकल्पिक प्लॉट जल्द प्रदान किया जाए।

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