अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता अब तत्काल प्रभाव से एआईयू (एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज़) द्वारा रद्द कर दी गई है। एआईयू ने इस कदम की वजह विश्वविद्यालय के हाल के घटनाक्रमों को बताया, जो संस्था के आचरण मानकों के अनुरूप नहीं माने जा रहे। इसके साथ ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट को प्रशासन ने बंद कर दिया है।
एआईयू का बयान
एआईयू ने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की सदस्यता तब तक कायम रहती है जब तक वह ‘सद्भावपूर्ण स्थिति’ में हो। हाल के समाचार और घटनाओं के आधार पर यह प्रतीत हुआ कि फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी अब इस स्थिति में नहीं है। इसलिए सदस्यता को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
एनएएसी का नोटिस
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एनएएसी का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर झूठी जानकारी दी और यह दिखाया कि उसे परिषद से मान्यता प्राप्त है, जबकि वास्तविकता में मान्यता की अवधि कई वर्ष पहले समाप्त हो चुकी थी। परिषद ने प्रबंधन से सात दिनों में जवाब मांगा है कि क्यों कार्रवाई न की जाए और भविष्य के मूल्यांकन से अयोग्य घोषित न किया जाए।
मान्यता की समाप्ति के बावजूद दिखा सक्रिय
एनएएसी के अनुसार, अल-फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को 23 मार्च 2013 से 22 मार्च 2018 तक मान्यता मिली थी। इसी तरह टीचर एजुकेशन विभाग को 27 मार्च 2011 से 26 मार्च 2016 तक मान्यता मिली थी। इसके बाद विश्वविद्यालय ने दोबारा प्रत्यायन के लिए आवेदन नहीं किया, लेकिन वेबसाइट पर पुरानी मान्यता को सक्रिय दिखाया गया।
यूनिवर्सिटी के वित्तीय खातों की जांच
दिल्ली में हुए बम धमाके और फरीदाबाद में बरामद विस्फोटक व हथियारों के मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम सामने आया है। अब विश्वविद्यालय के बैंक खातों और फंडिंग की जांच शुरू की जाएगी। ईडी और आर्थिक अपराध शाखा इस पर नजर रख रहे हैं।
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों को फीस और अन्य चार्ज जमा करने से फिलहाल रोक दिया गया है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी में जम्मू-कश्मीर के छात्रों की संख्या अधिक है और विदेशी फंडिंग की भी जांच की जा रही है। यह देखना आवश्यक है कि कहीं इसी फंडिंग का उपयोग देशविरोधी गतिविधियों के लिए तो नहीं हुआ।