हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार को हरियाणा में डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक हड़ताल रखी गई। डॉक्टरों ने इस दौरान सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया। डॉक्टरों ने कहा कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो 25 जुलाई के बाद अनिश्चित हड़ताल पर जाएंगे। वहीं हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानी हुई। 

रविवार की छुट्टी होने के कारण सोमवार को ओपीडी खुली तो मरीजों की संख्या भी ज्यादा रही। मरीज उपचार करवाने के लिए ओपीडी में गए लेकिन डॉक्टर नहीं मिले। इसके चलते मरीजों का इंतजार करना पड़ा। 

फतेहाबाद में एसोसिएशन के प्रधान भरत सहारण ने कहा कि मांगों को लेकर पहले भी हड़ताल की गई थी, इस दौरान तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आश्वासन दिया था कि सरकार उनकी मांगों पर विचार कर रही है और जल्द उन्हें पूरा किया जाएगा लेकिन अभी तक ऐसा कुछ नहीं हुआ है। इसके चलते मजबूरन उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है, इसकी जिम्मेदार सरकार है। उनकी सरकार से मांग है कि सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की भारी कमी है, स्पेशलिस्ट का अलग कैडर बनाया जाए। पीजी बांड की राशि में कमी की जाए।

सोनीपत सिविल अस्पताल में डॉक्टरों ने जताया रोष

सोनीपत में भी सुबह 9 से 11 बजे तक ओपीडी पूरी तरह से बंद रही। चिकित्सकों ने अस्पताल परिसर में एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ रोष जताया और लंबित मांगों को पूरा किए जाने की मांग की।

एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. राहुल आंतिल व जिला प्रवक्ता डॉ. प्यारेलाल मलिक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों के लिए अलग से कैडर बनाने की मांग की जा रही है। इसको सीएम की घोषणा में शामिल किया गया था। दो साल बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। 

Doctors in Haryana were on strike for two hours over their demands

हिसार में भी हड़ताल से मरीजों को परेशानी
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार सुबह 9 से 11 बजे तक हिसार जिला नागरिक अस्पताल में चिकित्सक हड़ताल पर रहे। अपनी मांगों को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना दिया और सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया।

चिकित्सकों का कहना है कि इसके बाद भी मांगें नहीं मानी गई तो जल्द बैठक कर आगामी रणनीति बनाई जाएगी। चिकित्सकों की हड़ताल के चलते अस्पताल परिसर में दो घंटे ओपीडी के बाहर मरीजों की लाइन लगी रही। दो घंटें तक मरीज चिकित्सकों के आने का इंतजार करते रहे। दोपहर तक ओपीडी के बाहर भीड़ लगी हुई थी।

जिला प्रधान डॉ. राजीव डाबला ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों के लिए अलग से कैडर बनाने की मांग की जा रही है। इसको लेकर सीएम ने भी घोषणा की थी, लेकिन उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। मांगों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से भी कई बार मिल चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी मांगों को पूरा नहीं किया रहा है।

उन्होंने बताया कि सर्विस में चिकित्सकों को जिस वक्त पीजी करने जाना होता है, तो एक-एक करोड़ रुपये के दो बांड भरने पड़ते हैं। एसोसिएशन की मांग है कि पुरानी पॉलिसी को लागू कर दिया जाए। पहले यह राशि 50 लाख थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसके अलावा एसएमओ की सीधी भर्ती नहीं होनी चाहिए। जो पद खाली पड़े है उन पर चिकित्सकों की भर्ती की जाए।