हरियाणा में धान की कटाई के साथ ही पराली जलाने का मुद्दा फिर से सुर्खियों में है। कृषि विभाग हरियाणा की तरफ से एक निर्देश जारी किया गया है। निर्देश के अनुसार कि जो किसान पराली जला रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी जाएगी और उनके खेत के रिकॉर्ड में एक लाल प्रविष्टि दर्ज की जानी जाएगी। वहीं पराली जलाने वाले किसान अगले दो सीजन के दौरान ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच पाएगा।
हरियाणा सरकार ने दो दिन पहले आदेश निकाला था कि जो किसान पराली जलाएगा, उस पर एफआईआर होगी और वह अपनी फसल मंडियों में नहीं बेच पाएगा। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने सख्ती दिखाते हुए आदेश निकाला था कि जो किसान पराली जलाएगा, उस पर एफआईआर होगी और वह अपनी फसल मंडियों में नहीं बेच पाएगा। इस तरह पराली जलाने वाले किसानों की फसल एमएसपी पर नहीं बिक सकेगी।
वहीं शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्यभार संभालने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हरियाणा में किसान पराली नहीं जलाएंगे। किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए अधिकारी उन्हें समझाएंगे।
यमुनानगर जिला प्रशासन ने लिया फैसला
इससे पहले यमुनानगर जिला प्रशासन ने खेतों से धान की फसल काटने के बाद अवशेषों में आग लगाने के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए निर्णय लिया है कि पराली जलाने वाले किसानों पर अब कोई नरमी नहीं दिखाई जाएगी। यदि किसी किसान ने अब खेत में पराली जलाई तो उसके खिलाफ थाने में सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जबकि इससे पहले पराली अवशेषों में आग लगाने पर किसानों पर 2500 रुपये प्रति एकड़ जुर्माना लगाने का प्रावधान था। प्रशासन के इस निर्णय से पराली जलाने के मामलों में काफी कमी आ सकती है।
जुर्माने का नहीं हो रहा असर
प्रशासन के अनुसार 2500 रुपये जुर्माने का किसानों पर कोई खास असर नहीं हो रहा था। यदि किसी को आग लगाते हुए पकड़ लिया जाता था तो प्रशासन 2500 रुपये जुर्माना लगा देता था। किसान भी बिना विरोध किए इस जुर्माने को अदा कर रहे थे। जिले में अभी तक पराली जलाने के 20 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से ट्रेस हुए 11 मामलों में किसानों पर 27500 रुपये जुर्माना किया गया था। किसानों ने यह सारा जुर्माना अदा भी कर दिया। वहीं पराली जलाने के आरोप में प्रशासन ने इस सीजन में अब तक केवल एक एफआईआर ही दर्ज कराई है। गत सप्ताह यह केस थाना रादौर में घिलौर गांव के किसान पर दर्ज कराया गया था।