हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को बारिश की तीव्रता में कुछ कमी जरूर आई, लेकिन जनजीवन पर इसका प्रभाव बना हुआ है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन और जलभराव से हालात विकट बने हुए हैं। गुरुवार सुबह 10 बजे तक प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 496 सड़कों पर यातायात बाधित रहा। साथ ही 1,120 बिजली ट्रांसफार्मर और 245 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित रहीं। मंडी जिला सर्वाधिक प्रभावित रहा, जहां 277 सड़कें और 265 ट्रांसफार्मर बंद रहे। कांगड़ा में 120 पेयजल योजनाएं ठप रहीं।
किन्नौर में बाइक सवार पर गिरा पत्थर, बाल-बाल बचा
बुधवार को किन्नौर के निगुलसरी इलाके में एक बाइक सवार उस समय बाल-बाल बच गया जब चलते समय पहाड़ी से पत्थर गिरा। बाइक सवार को कोई गंभीर चोट नहीं आई।
शिमला में पेड़ों के गिरने से नुकसान, कुल्लू में बादल फटा
शिमला में तेज बारिश के चलते कई जगहों पर पेड़ गिर गए। शैलेडे स्कूल के पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यालय की छत पर गिरा पेड़ नुकसान का कारण बना। कनलोग के पास टूटीकंडी बाईपास पर भी एक पेड़ गिरा। कुल्लू जिले के निरमंड खंड के उर्दू गांव और रामपुर क्षेत्र में बादल फटने की घटनाएं दर्ज हुईं। डंसा और दर्शन नालों में आई बाढ़ से स्थानीय नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। दरशल क्षेत्र में सड़क क्षतिग्रस्त हुई है।
13 अगस्त तक कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
बीती रात श्री नयना देवी में सर्वाधिक 92.6 मिमी वर्षा हुई। मौसम विभाग के अनुसार, 13 अगस्त तक राज्य के कई हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। 10-11 अगस्त को ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और सोलन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य तिथियों के लिए येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा। अगले 24 घंटों में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस वृद्धि की संभावना है।
मानसून में अब तक 199 लोगों की मौत, 2,084 घर हुए क्षतिग्रस्त
20 जून से 6 अगस्त तक प्रदेश में मानसून के कारण 199 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 304 लोग घायल हुए हैं। 36 लोग अब भी लापता हैं। प्राकृतिक आपदाओं और सड़क हादसों में कुल 86 मौतें हुईं। इस दौरान 2,084 घरों-दुकानों को नुकसान पहुंचा, 1,690 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुईं और 1,570 मवेशियों की मृत्यु हुई। राज्य को अब तक ₹1,90,550.45 लाख का नुकसान हुआ है।
परवाणू-शिमला फोरलेन बहाल, ऊना और बड़ूही में भूस्खलन
परवाणू-शिमला फोरलेन को गुरुवार सुबह दोनों ओर से यातायात के लिए खोल दिया गया। वहीं ऊना जिले में पिपलू-बड़सर मार्ग पर भूस्खलन के कारण सड़क अवरुद्ध हो गई। बड़ूही-सोहरी मार्ग पर नीलकंठ महादेव मंदिर के पास भूस्खलन से सड़क बंद हुई थी, जिसे बाद में बहाल कर दिया गया।
सड़क न होने से पालकी पर ढोए जा रहे मरीज
बिलासपुर के झंडूता क्षेत्र के टप्पा दधोग गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को मरीजों को पालकी में अस्पताल ले जाना पड़ रहा है। हाल ही में एक गर्भवती महिला को इसी तरह रात में अस्पताल पहुंचाया गया और प्रसव के बाद लौटते समय भी पालकी का सहारा लिया गया।
चुल्हड़ी गांव में दीवार गिरने से महिला घायल
गुरुवार सुबह चुल्हड़ी गांव में बारिश के चलते एक मकान की दीवार गिर गई, जिससे महिला घायल हो गई। चंपा देवी नामक महिला उस समय रसोई में खाना बना रही थीं। मलबे में दबने से उन्हें गंभीर चोटें आईं और बाद में उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया।
41 घंटे बाद बहाल हुआ चंडीगढ़-मनाली हाईवे, डवाड़ा फ्लाईओवर को भारी क्षति
भूस्खलन के चलते मंगलवार रात बंद हुआ चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे 41 घंटे बाद गुरुवार दोपहर एकतरफा यातायात के लिए खोला गया। डवाड़ा फ्लाईओवर पर भारी चट्टानों के गिरने से इसकी संरचना को गंभीर नुकसान पहुंचा है और फ्लाईओवर अपनी जगह से करीब तीन फीट खिसक गया है, जिसके चलते इसे पूर्णत: बंद कर दिया गया है। हणोगी टनल में फंसे यात्रियों को स्थानीय प्रशासन व मंदिर समिति की ओर से भोजन उपलब्ध कराया गया।