शिमला: आईजीएमसी शिमला के श्वास रोग विभाग में मरीज के साथ कथित मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि इलाज के लिए आए एक मरीज से डॉक्टर ने हाथापाई की, जिसमें मरीज की नाक से खून निकल आया। घटना के बाद अस्पताल परिसर में हंगामा हो गया और परिजनों ने आरोपी डॉक्टर की बर्खास्तगी की मांग की।
पीड़ित मरीज की पहचान अर्जुन के रूप में हुई है, जो शिमला के कुपवी क्षेत्र का निवासी बताया जा रहा है और एक निजी अकादमी में अध्यापन करता है। परिजनों के अनुसार अर्जुन एंडोस्कॉपी के लिए आईजीएमसी पहुंचे थे। आरोप है कि डॉक्टर ने पहले तीखी भाषा में बात की और फिर विवाद बढ़ने पर मारपीट की। घटना का वीडियो सामने आने के बाद मामला और तूल पकड़ गया, जिसमें डॉक्टर को मरीज के चेहरे पर मुक्के मारते हुए देखा जा रहा है।
परिजनों का कहना है कि एंडोस्कॉपी से पहले डॉक्टर ने मरीज को कुछ देर आराम करने के लिए बेड पर लेटने को कहा था। इसी दौरान एक अन्य डॉक्टर मास्क पहनकर वहां पहुंचा और कथित तौर पर बदतमीजी करने लगा। जब तीमारदारों ने बताया कि मरीज को डॉक्टर के निर्देश पर आराम करने को कहा गया है, तो विवाद बढ़ गया और मारपीट की स्थिति बन गई। हालांकि, बताया जा रहा है कि इस दौरान मरीज ने भी आत्मरक्षा में प्रतिक्रिया दी।
घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में नारेबाजी की, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को थाने ले जाया गया। आईजीएमसी प्रशासन ने मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। प्रशासन का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि घटना के लिए कौन जिम्मेदार है।
इस मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे मामलों से चिकित्सा व्यवस्था की छवि धूमिल होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से स्वयं संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच कराने की मांग की और आईजीएमसी प्रशासन से भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा।